आयुष्मान के तहत निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरें तय, जानिए

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना एवं राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों के नजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरें तय कर दी हैं। एनएबीएच प्रमाणित अस्पतालों की दर अन्य निजी अस्पतालों से अधिक रखी गई हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 06:27 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 06:27 AM (IST)
आयुष्मान के तहत निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरें तय, जानिए
आयुष्मान के तहत निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरें तय, जानिए।

जागरण संवाददाता, देहरादून। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना एवं राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों के नजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरें तय कर दी हैं। नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) प्रमाणित अस्पतालों की दर अन्य निजी अस्पतालों से अधिक रखी गई हैं। लाभार्थियों की जांच, उपचार, भोजन और पीपीई किट आदि में होने वाले सभी प्रकार के व्यय उक्त पैकेज में शामिल हैं। अत्यंत गंभीर मरीजों के उपचार की दवाओं जैसे फैविपिरावीर,रेमडेसिविर व टोसिलिजुमैब उक्त पैकेज की दरों के अतिरिक्त वास्तविक दर पर ही सूचीबद्ध चिकित्सालय से उपलब्ध होंगे। 

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक-अस्पताल प्रबंधन डॉ. एके गोयल ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि आयुष्मान योजना के तहत पोर्टल पर कोविड-19 के पैकेज उपलब्ध हैं। इधर, डॉ. गोयल ने सभी अस्पतालों को पत्र भेज कहा है कि अभी तक उपचारित किए गए किसी भी मरीज से यदि पैसे लिए गए हैं और मरीज अब डिस्चार्ज हो गया है तो उसके भी पैसे लौटाए जाएं और बिल भुगतान के लिए प्राधिकरण को भेजा जाए। 

अस्पताल इस आशय का प्रमाण भी दें कि मरीज को पैसा वापस कर दिया गया है, जो आयुष्मान कार्डधारक अस्पताल में उपचार ले रहे हैं और अपना आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत नहीं किया है, उनसे कार्ड लेकर लाभार्थी का उपचार आयुष्मान योजना के तहत शुरू करें। चिकित्सालय में आने वाले प्रत्येक कोविड मरीज को आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछा जाए और यदि मरीज आयुष्मान कार्ड धारक है तो उसका निश्शुल्क उपचार किया जाए। उन्होंने अस्पतालों को चेतावनी दी कि यदि सरकार और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ये होंगी इलाज की दरें (प्रतिदिन व्यय)

गैर एनएबीच प्रमाणित अस्पताल आइसोलेशन बेड (ऑक्सीजन के साथ)- 6400 रुपये। गंभीर मरीज (बिना आइसीयू वेंटीलेटर केयर) 10400 रुपये। गंभीर मरीज (आइसीयू के साथ वेंटीलेटर केयर)-14,400 रुपये।एनएबीच प्रमाणित अस्पताल उपरोक्त दरों के साथ मानकों के अनुसार अतिरिक्त इंसेंटिव अनुमन्य होंगे।

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