उत्तराखंड के नौ पर्वतीय जनपदों में भी आफत बनने लगी है कोरोना की दूसरी लहर
कोरोना की दूसरी लहर अब प्रदेश के नौ पर्वतीय जनपदों में भी आफत बनने लगी है। यहां हर दिन मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यही नहीं संक्रमण दर भी बढ़ते खतरे का संकेत दे रही है। इस सबके बावजूद सिस्टम की सुस्ती नहीं टूट रही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना की दूसरी लहर अब प्रदेश के नौ पर्वतीय जनपदों में भी आफत बनने लगी है। यहां हर दिन मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यही नहीं, संक्रमण दर भी बढ़ते खतरे का संकेत दे रही है। इस सबके बावजूद सिस्टम की सुस्ती नहीं टूट रही है। चिंता इस बात की है कि पहाड़ में जांच की रफ्तार बेहद कम है। नौ पर्वतीय जनपदों में हर दिन औसतन एक से डेढ़ हजार सैंपल की ही जांच की जा रही है। कहीं तो एक हजार सैंपल की भी जांच नहीं हो रही, जबकि ज्यादातर जिलों में संक्रमण दर 15 फीसद से ऊपर है। ऐसे में अधिकारी या तो इस ओर ध्यान नहीं दे रहे या फिर सब जानकर भी अंजान बने हुए हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में मामले बढ़ने पर खतरा इस बात का भी है कि वहां मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिलेगा, क्योंकि वहां स्वास्थ्य सेवाएं उतनी सुदृढ़ नहीं हैं। जब राजधानी दून में सिस्टम ध्वस्त हो गया है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना पहाड़ पर किस कदर कहर बरपाएगा। राज्य में कोरोना के आंकड़ों का अध्ययन कर रही संस्था सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि पहाड़ में जिस तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। उसे रोकने के लिए जांच में और तेजी लाने की आवश्यकता है।
उत्तराखंड में 35,771 व्यक्तियों को लगा कोरोना का टीका
कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीन का ‘सुरक्षा घेरा’ लगातार मजबूत होता जा रहा है। शुक्रवार को प्रदेश में 650 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह मर्तोलिया ने बताया कि कुल 35771 व्यक्तियों को टीका लगा है। जिसमें 45 साल से अधिक उम्र के 34,088 व्यक्तियों को टीका लगा है।
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