कोरोना जांच की दरें तय, निजी लैब में 24 सौ का एक परीक्षण

कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर जांच का दायरा बढ़ाने के मकसद से अब निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना जांच के लिए दरों का निर्धारण कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Jun 2020 07:13 PM (IST) Updated:Sat, 27 Jun 2020 07:13 PM (IST)
कोरोना जांच की दरें तय, निजी लैब में 24 सौ का एक परीक्षण
कोरोना जांच की दरें तय, निजी लैब में 24 सौ का एक परीक्षण

राज्य ब्यूरो, देहरादून: कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर जांच का दायरा बढ़ाने के मकसद से अब निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना जांच के लिए दरों का निर्धारण कर दिया गया है। सरकारी व निजी अस्पताल द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को सैंपल भेजने पर प्रति सैंपल की दर दो हजार रुपये रखी गई है। निजी प्रयोगशाला द्वारा स्वयं एकत्रित किए गए सैंपलों की जांच के लिए के लिए प्रति सैंपल 2400 रुपये की दर तय की गई है। इसका भुगतान उसी व्यक्ति द्वारा वहन किया जाएगा, जिसकी यह जांच होगी।

राज्य में अभी तक सरकारी व निजी लैब में कोरोना जांच के लिए 4500 रुपये प्रति सैंपल की दर तय की थी। सरकारी अस्पतालों में मरीजों से पैसा नहीं लिया जाता। यह पैसा सरकार अस्पतालों को देती है। वहीं, निजी लैब में मरीजों को स्वयं परीक्षण का खर्च उठाना पड़ता है। केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले आइसीएमआर की सिफारिश पर कोरोना के परीक्षण की दरें नए सिरे से तय करने का निश्चय किया। राज्यों को अपने यहां की परिस्थितियों के हिसाब से परीक्षण की दरें कम करने को कहा गया। इस कड़ी में दिल्ली में 2400 व उप्र ने पहली जांच के लिए 1500 और दूसरी जांच को तीन हजार रुपये की दर तय की थी।

अब उत्तराखंड में सरकार ने निजी प्रयोगशाला से कोरोना जांच को दरों का निर्धारण कर दिया है। शुक्रवार को सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने इस बारे में आदेश भी जारी कर दिए। इसके तहत निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना संक्रमण की पहली जांच के लिए अधिकतम दर तय की गई हैं। सरकारी या निजी चिकित्सालय द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को भेजे गए सैंपल की दर जीएसटी समेत दो हजार होगी। प्रयोगशाला तक सैंपल पहुंचाने की जिम्मेदारी सैंपल लेने वाले अस्पतालों की होगी।

निजी प्रयोगशालाओं द्वारा स्वयं एकत्रित किए जाने वाले सैंपल की दर जीएसटी समेत 2400 रुपये रखी गई है। इसका भुगतान वही व्यक्ति करेगा, जिसका यह टेस्ट कराया जा रहा है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि निजी प्रयोगशालाओं को सभी रिपोर्ट सीटी वैल्यू के अंकन के साथ मुहैया करानी होगी। गुणवत्ता ऑडिट के लिए मांगे जाने पर नमूनों को चिकित्सा महाविद्यालय की रेफरल प्रयोगशालाओं को उपलब्ध कराना होगा। परीक्षण के बाद आइसीएमआर के पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही जिले के सीएमओ और स्टेट सर्विलांस अधिकारी को रिपोर्ट की प्रति मुहैया करानी अनिवार्य होगी। नियमों का पालन न करने पर इसे महामारी एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा।

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