उत्तराखंड: अटल उत्कृष्ट स्कूल खुलने से पहले ही विवाद शुरू, जानिए वजह

अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को टक्कर देने के लिए प्रदेशभर में 190 अटल उत्कृष्ट स्कूल खुलने जा रहे हैं। हर ब्लॉक में दो-दो स्कूल खोले जाने हैं लेकिन इनके खुलने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 08 Nov 2020 03:43 PM (IST) Updated:Sun, 08 Nov 2020 03:43 PM (IST)
उत्तराखंड: अटल उत्कृष्ट स्कूल खुलने से पहले ही विवाद शुरू, जानिए वजह
अटल उत्कृष्ट स्कूल खुलने से पहले ही विवाद शुरू।

देहरादून, जेएनएन। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को टक्कर देने के लिए प्रदेशभर में 190 अटल उत्कृष्ट स्कूल खुलने जा रहे हैं। हर ब्लॉक में दो-दो स्कूल खोले जाने हैं, लेकिन इनके खुलने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है। विभाग की ओर से इन स्कूलों में तैनात होने जा रहे शिक्षकों की सेवाओं को लेकर बनाए गए नियम विवाद की जड़ हैं। शिक्षकों में इन्हें लेकर असंतोष है। नियमों का विरोध जता रहे शिक्षकों ने अटल उत्कृष्ट स्कूलों के लिए अलग ढांचा और नियमावली तैयार करने की मांग की है।

राज्य सरकार की योजना अटल उत्कृष्ट स्कूलों पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। अब स्कूलों को शुरू करने के लिए विभाग तैयारी में लग गया है, लेकिन अभी से शिक्षक विभाग की ओर से बनाए गए नियमों का विरोध करने लगे हैं। दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा अब तक तैयार नियमों के अनुसार सुगम अटल उत्कृष्ट स्कूलों में तैनात शिक्षकों की एक वर्ष की सेवा दुर्गम के एक वर्ष के बराबर और दुर्गम के स्कूलों में तैनात शिक्षकों की एक वर्ष की सेवा दो वर्ष के बराबर मानी जानी है। 

मौजूदा समय में सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों में इस नियम को लेकर रोष व्याप्त है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने कहा कि शिक्षकों के साथ यह दोहरा व्यवहार उचित नहीं। अगर वर्तमान में सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को ही इन स्कूलों में तैनाती दी जाती है तो वर्तमान सेवानियमावली और तबादला एक्ट ही इन शिक्षकों पर भी लागू होने चाहिए या फिर विभाग को इन स्कूलों में तैनात होने जा रहे शिक्षकों के लिए अलग ढांचा और सेवानियमावली बनानी चाहिए, जिससे शिक्षकों में विवाद पैदा ना हो।

फेसबुक-वॉट्सएप पर जता रहे विरोध

वर्तमान स्कूलों में तैनात शिक्षक फेसबुक और वॉट्सएप पर लगातार इन नियमों का विरोध जता रहे हैं। शिक्षक विभाग के नियमों की कॉपी शेयर कर विभाग पर भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। एक शिक्षक ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा था कि विभाग दोहरी व्यवस्था लागू कर शिक्षक और अभिभावकों में खाई बनाने का काम कर रहा है। अब तक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अभिभावकों में इससे हीन भावना पैदा होगी। वहीं शिक्षक भी ठगा महसूस करेंगे।

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वहीं, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके ने बताया कि कुंवर अटल उत्कृष्ट स्कूलों को लेकर अभी जीओ होना बाकी है। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से लेकर सेवानियमावली पर अंतिम फैसला शाशन स्तर से लिया जाना है। शिक्षकों के साथ भेदभाव किए जाने जैसी कोई बात नहीं है।

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