देहरादून में चौक के नाम को लेकर विवाद, मूर्ति की स्थापना पर हंगामा

देहरादून के रेसकोर्स में बन्नू स्कूल के पास महर्षि वाल्मीकि के नाम से चौक की स्थापना करने को लेकर हंगामा हो गया। महर्षि वाल्मीकि सेना ने चबूतरे का निर्माण शुरू कर महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति स्थापित की। जिस पर हंगामा हुआ।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 10:11 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 10:11 AM (IST)
देहरादून में चौक के नाम को लेकर विवाद, मूर्ति की स्थापना पर हंगामा
बन्नू स्कूल के पास चौक पर महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा स्थापित करने लेकर हंगामा करते वाल्मीकि समाज के लोग।

जागरण संवाददाता, देहरादून। महर्षि वाल्मीकि के जन्मदिवस पर रेसकोर्स में बन्नू स्कूल के पास उनके नाम से चौक की स्थापना करने को लेकर हंगामा हो गया। महर्षि वाल्मीकि सेना की ओर से बगैर अनुमति चौराहे पर चबूतरे का निर्माण शुरू कर महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति स्थापित कर दी गई। शिकायत पर पहुंची पुलिस ने निर्माण रुकवाया तो महर्षि वाल्मीकि सेना के सदस्य भड़क गए। पुलिस और प्रशासन के तमाम प्रयास के बावजूद देर रात तक हंगामा चलता रहा। अंत में आगामी दो नवंबर को महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति स्थापित करने और चबूतरे के निर्माण का आश्वासन मिलने पर लोग शांत हुए।

बुधवार को रेसकोर्स में बन्नू चौक के पास महर्षि वाल्मीकि सेना ने महर्षि वाल्मीकि के जन्मदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस दौरान सेना के सदस्यों ने चौक के बीच में मूर्ति स्थापित कर उसके चारों ओर चबूतरे का निर्माण शुरू कर दिया। कुछ व्यक्तियों ने इसकी शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने निर्माण को रुकवा दिया। इस पर वाल्मीकि सेना के सदस्य भड़क गए। दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुआ हंगामा देर रात तक चलता रहा। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। भाजपा नेता जयपाल वाल्मीकि का कहना था कि लंबे समय से उक्त चौक का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखे जाने की मांग की जा रही है। आगामी दो नवंबर को यहां मूर्ति स्थापना का आश्वासन भी दिया गया था। हालांकि, महर्षि वाल्मीकि के जन्मदिवस पर ही समाज के लोग यहां मूर्ति स्थापित कर चबूतरे का निर्माण करना चाहते थे। एडीएम एसके बर्नवाल ने बताया कि औपचारिकता पूर्ण होने के बाद दो नवंबर को यहां मूर्ति स्थापित करने का आश्वासन दिया गया है।

महर्षि वाल्मीकि श्रीराम चौक पर बनी थी सहमति

वर्ष 2016 में तत्कालीन क्षेत्रीय पार्षद ने नगर निगम में उक्त चौक का नाम श्रीराम चौक रखे जाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन वाल्मीकि समाज इस चौक का नाम महर्षि वाल्मीकि चौक रखने की मांग कर रहा था। छह माह पूर्व महापौर और क्षेत्रीय विधायक की मध्यस्थता में चौक का नाम महर्षि वाल्मीकि श्रीराम चौक रखे जाने पर सहमति बन गई। आगामी दो नवंबर को इसकी औपचारिकता पूर्ण कर चौक स्थापित करने की तैयारी थी।

महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि जिस चौक पर मूर्ति लगाने को लेकर विवाद हुआ है, वह नगर निगम बोर्ड से श्रीराम चौक के नाम पर स्वीकृत है। पार्षद देवेंद्र पाल सिंह मोंटी के प्रस्ताव पर निगम बोर्ड ने इसे स्वीकृत किया था। नगर निगम बोर्ड की ओर से आइएसबीटी चौक को वाल्मीकि चौक के तौर स्वीकृत किया गया है। मेरी सभी पक्षों से अपील है कि अनावश्यक विवाद न किया जाए। पुलिस और प्रशासन के साथ इस मसले पर क्षेत्रीय पार्षद की मौजूदगी में सभी पक्षों से वार्ता कर उचित हल निकाला जाएगा।

खजान दास (विधायक, राजपुर रोड) का कहना है कि चौक का नाम महर्षि वाल्मीकि श्रीराम चौक रखे जाने पर दोनों पक्षों के बीच पूर्व में सहमति बन गई थी। इसको लेकर दो नवंबर को चौक निर्माण की तैयारी थी, लेकिन एक पक्ष ने यहां पहले ही मूर्ति स्थापित कर दी। दोनों पक्षों को आपसी बातचीत से ही मामले को सुलझाना चाहिए। किसी भी पक्ष की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए।

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