बैंकों की हड़ताल से प्रदेश में दो हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित

बैंकों के महा विलय के विरोध में एसबीआइ को छोड़कर प्रदेशभर के अन्य बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते अधिकांश बैंकों में काम-काज भी प्रभावित रहा।

By BhanuEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 12:20 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 09:41 PM (IST)
बैंकों की हड़ताल से प्रदेश में दो हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित
बैंकों की हड़ताल से प्रदेश में दो हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित

देहरादून, जेएनएन। बैंकों के आपसी विलय के विरोध में मंगलवार को बैंक कर्मियों हड़ताल कर विरोध जताया। इस दौरान बैंक संबंधी कार्यों को बैंक गए लोगों को निराश लौटाना पड़ा। वहीं, एस्ले हॉल चौक स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बाहर लिपिक वर्ग व अधीनस्थ वर्ग के साथ सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की बैंक विरोध नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया। बैंक के एक दिवसीय हड़ताल से पूर प्रदेश में दो हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ है।

मंगलवार को ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन व बैंक एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर देश भर में बैंकों की एक दिवसीय हड़ताल रही। इसी क्रम में उत्तरांचल बैंक एंप्लाइज यूनियन के बैनर तले देहरादून के लिपिक वर्ग व अधीनस्थ वर्ग के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। हालांकि हड़ताल में भारतीय स्टेट बैंक के साथ स्थानीय सरकारी बैंक शामिल नहीं रहे। 

इसके अलावा हड़ताल को अधिकारी वर्ग का समर्थन भी खुलकर नहीं मिला। मगर इसके बावजूद देहरादून में सार्वजनिक क्षेत्र की अधिकांश बैंक बंद रहे काम-काच ठप रहा। जिसके चलते लेन-देन का सारा भार शहर के एटीएम पर आ गया। देर शाम तक एटीएम पर लोगों की लंबी कतारें दिखने को मिली। जिसके चलते देर रात तक शहर के अधिकांश एटीएम में कैश खत्म होने की सूचना मिली। 

प्रदेश भर में दो हजार करोड़ का लेनदेन प्रभावित

बैंकों की एक दिवसीय हड़ताल में प्रदेश भर से 3300 कर्मचारी शामिल रहे। हड़ताल के चलते प्रदेश भर की 1500 शाखाओं में कामकाज ठप रहा। बैंकों में कैश व चेकों का समाशोधन न होने के कारण दो हजार करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। एस्ले हॉल चौक स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सामने प्रदर्शन करते हुए  उत्तरांचल बैंक एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री जगमोहन मेंदीरत्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने एजेंडे में राष्ट्रीकृत बैंकों को मिलाकर पांच या छह बड़े बैंक बनाने का निर्णय लिया है। वर्ष 2017 में छह बैंकों का स्टेट बैंक में विलय किया गया था, जिसके कारण छह हजार से अधिक शाखाएं बंद हुई, जबकि दस हजार से अधिक कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत किया गया।

देना बैंक व विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ोदा में विलय की प्रक्रिया भी अभी पूरी नहीं हो पाई है। इसके बावजूद अब केंद्र अन्य बैंकों को भी विलय कर बैंक कर्मियों की नौकरी छिनने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों की हड़ताल से प्रदेश में एक दिन में दो हजार करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि आज हड़ताल में भाजपा समर्थक ट्रेड यूनियन को छोड़कर सभी श्रमिक संगठनों व बैंकों में अधिकारी संगठनों का समर्थन रहा है। प्रदर्शन में विनय कुमार शर्मा, एलएम बड़ोनी, बीपी सुंद्रियाल, बीके ओझा, इंदर सिंह, ओपी मौर्य, सीके जोशी, आरके गैरोला, कमल तोमर, नवीन कुमार, समेत अन्य मौजूद रहे।

ऋषिकेश में अधिकांश बैंक रहे बंद 

ऋषिकेश में अधिकांश बैंक मंगलवार को बंद रहे। ऋषिकेश में बैंकों की हड़ताल के चलते ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उत्तरांचल बैंक इंप्लाइज यूनियन के जिला मंत्री मयंक शर्मा ने बताया कि सरकार के 10 बैंकों के विलय के फैसले के विरोध में यह हड़ताल की गई। इस विलय से बैंकिंग सेक्टर में लोगों की नौकरी जाएगी। 

मंगलवार को कुछ बैंक खुले थे, जिन्हें हड़ताली कर्मचारियों ने बंद करा दिया। वही भारतीय स्टेट बैंक मंगलवार को खुला रहा। यहां हड़ताल का कोई असर नहीं दिखाई दिया। हड़ताल के चलते अधिकांश बैंकों के एटीएम भी खाली हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हरिद्वार में भी बैंक कर्मियों ने रानीपुर मोड़ स्थित ओबीसी बैंक के बाहर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उत्तराखंड बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के जिला सचिव राजकुमार सक्सेना ने बताया कि ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इसके अनुपालन में हरिद्वार के बैंकों में भी लेनदेन समेत अन्य कार्य ठप है। इधर त्योहारी सीजन में बैंकों में कामकाज ठप होने से उपभोक्ताओं को भी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। 

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रुड़की में सुबह से ही केनरा बैंक पीएनबी आदि के कर्मचारी कामकाज बंद कर हड़ताल पर चले गए। बैंकों में केवल ऑफिसर स्टाफ ही मौजूद है। कर्मचारियों के कामकाज न करने की वजह से लेनदेन चेक क्लीयरेंस समेत अन्य कार्य ठप रहे। हालांकि एसबीआई व दूसरे बैंक खुले होने की वजह से उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत है। 

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