उपभोक्ता फोरम के सदस्य को उपसचिव के बराबर वेतन, जानिए नियुक्ति के लिए क्या है पात्रता

जिला उपभोक्ता फोरम के पूर्णकालिक सदस्यों को अब सम्मानजनक वेतन मिल सकेगा। उन्हें राज्य सरकार के उपसचिव के बराबर पारिश्रमिक दिया जाएगा। इस नई व्यवस्था से इससे इन संस्थाओं में सदस्यों की नियुक्ति को लेकर पेश आ रही अड़चन दूर होगी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 02:38 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 02:38 PM (IST)
उपभोक्ता फोरम के सदस्य को उपसचिव के बराबर वेतन, जानिए नियुक्ति के लिए क्या है पात्रता
उपभोक्ता फोरम के सदस्य को उपसचिव के बराबर वेतन।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में जिला उपभोक्ता फोरम के पूर्णकालिक सदस्यों को अब सम्मानजनक वेतन मिल सकेगा। उन्हें राज्य सरकार के उपसचिव के बराबर पारिश्रमिक दिया जाएगा। इस नई व्यवस्था से इससे इन संस्थाओं में सदस्यों की नियुक्ति को लेकर पेश आ रही अड़चन दूर होगी। यह सबकुछ राज्य उपभोक्ता संरक्षण नियमावली में संशोधन के चलते हुआ है। 

राज्य मंत्रिमंडल केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अंतर्गत उत्तराखंड उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग एवं जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा शर्तें, वेतन और भत्ते) नियमावली को मंजूरी दे चुका है। राज्य सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की नियमावली को ही राज्य में लागू करने का फैसला लिया। इससे राज्य और जिलास्तरीय उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष व सदस्यों के वेतन को लेकर स्थिति साफ हो गई है। यही नहीं राज्य उपभोक्ता आयोग और चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल के जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्षों व सदस्यों का चयन अब केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक होगा। 

केंद्रीय अधिनियम में राज्य आयोग व जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता, भर्ती की पद्धति व प्रक्रिया, कार्यकाल, पद से त्यागपत्र और हटाने के प्रविधान तय हैं। राज्य में इस कानून पर अमल होने से उपभोक्ताओं के विवादों और समस्याओं को तेजी से निपटारा होगा। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने बताया कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के मुताबिक आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों के वेतन-भत्ते रखे जाएंगे।

राज्य आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता

अध्यक्ष के लिए उच्च न्यायालय का वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश होना आवश्यक  सदस्य के लिए जिला न्यायालय के पीठासीन अधिकारी या किसी न्यायाधिकरण में समकक्ष स्तर में या दोनों में संयुक्त रूप से न्यूनतम दस वर्ष का अनुभव जरूरी उपभोक्ता मामले, विधि, लोक मामले, प्रशासन, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, उद्योग, वित्त, प्रबंधन, अभियांत्रिकी, प्रौद्योगिकी, लोक स्वास्थ्य या औषधि में विशेष ज्ञान और न्यूनतम 20 वर्ष का अनुभव।  राज्य आयोग में न्यूनतम एक सदस्य या अध्यक्ष महिला होगी

जिला आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता अध्यक्ष के लिए जिला न्यायालय का वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश होना जरूरी सदस्य के लिए आयु न्यूनतम 35 वर्ष, स्नातक डिग्रीधारक उपभोक्ता मामले, विधि, लोक मामले, प्रशासन, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, उद्योग, वित्त, प्रबंधन, अभियांत्रिकी, प्रौद्योगिकी, लोक स्वास्थ्य या औषधि में विशेष ज्ञान और न्यूनतम 15 वर्ष का अनुभव।

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