यहां दो ग्राम पंचायतों की खींचतान में अटका विद्यालय भवन, खामियाजा भुगत रहे नौनिहाल

दो ग्राम पंचायतों के बीच भूमि को लेकर उठा विवाद नौनिहालों के भविष्य पर भारी पड़ रहा है। ग्राम पंचायत चकजोगीवाला ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय साहबनगर के भवन को यह कहते हुए बनने से रुकवा दिया कि भूमि साहबनगर की नहीं बल्कि चकजोगीवाला की है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 12:47 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 12:47 PM (IST)
यहां दो ग्राम पंचायतों की खींचतान में अटका विद्यालय भवन, खामियाजा भुगत रहे नौनिहाल
यहां दो ग्राम पंचायतों की खींचतान में अटका विद्यालय भवन।

रायवाला(देहरादून), जेएनएन। दो ग्राम पंचायतों के बीच भूमि को लेकर उठा विवाद नौनिहालों के भविष्य पर भारी पड़ रहा है। ग्राम पंचायत चकजोगीवाला ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय साहबनगर के भवन को यह कहते हुए बनने से रुकवा दिया कि भूमि साहबनगर की नहीं बल्कि चकजोगीवाला की है।

दरअसल, राजकीय प्राथमिक विद्यालय साहबनगर का जर्जर भवन हटाकर उसकी जगह नया भवन बनाया जाना है। इसके लिए शासन से करीब 15 लाख रुपये मंजूर हैं। ठेकेदार ने जैसे ही काम शुरू किया, तभी ग्राम पंचायत चकजोगीवाला ने इस पर आपत्ति जताई। ग्राम प्रधान सोबन सिंह कैंतुरा का कहना है कि यह भूमि ग्रामसभा चकजोगीवाला की है, और इस पर अब स्कूल के बजाय पंचायत घर बनाया जाना प्रस्तावित है। हमारे पास ग्राम पंचायत भवन के लिए अन्य कोई जगह उपलब्ध नहीं है।

वहीं, साहबनगर के ग्राम प्रधान ध्यान का कहना है कि विद्यालय के लिए यह एक बीघा भूमि 27 अक्टूबर 1968 में स्थानीय निवासी रामप्रसाद ने दान दी थी। तब पूरे क्षेत्र में छिद्दरवाला के नाम से एक ही ग्राम पंचायत थी। लिहाजा अनावश्यक सीमा विवाद पैदा करना ठीक नहीं है। राजस्व अभिलेखों में भी यह जमीन राप्रावि साहब नगर के नाम पर दर्ज है। लिहाजा अब भी इस पर स्कूल ही बनाया जाना चाहिए।

वहीं दोनों पक्षों ने इस मामले में उपजिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है। बहरहाल दोनों ग्राम पंचायतों के बीच जमीन को लेकर हुए विवाद से विद्यालय के भवन निर्माण का कार्य रुक गया है। इसका खामियाजा आने वाले दिनों में यहां पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ेगा। बता दें कि जर्जर भवन की वजह से यह विद्यालय बीते दो वर्षों से एक सामुदायिक भवन में संचालित हो रहा है। हालांकि कोविड के चलते अभी विद्यालय बंद हैं।

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