पार्क प्रशासन की छवि खराब करने की है साजिश

संवाद सूत्र, रायवाला: राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर व हरिद्वार रेंज की मिलान पर दूधिया बं

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Mar 2018 10:37 PM (IST) Updated:Fri, 23 Mar 2018 10:37 PM (IST)
पार्क प्रशासन की छवि खराब करने की है साजिश
पार्क प्रशासन की छवि खराब करने की है साजिश

संवाद सूत्र, रायवाला: राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर व हरिद्वार रेंज की मिलान पर दूधिया बंद सेक्शन में मिले गुलदार के कंकाल, खाल व मांस के मामले को पार्क अधिकारियों ने संदिग्ध बताया है। उनका कहना है कि यह पार्क प्रशासन की छवि को खराब करने की साजिश हो सकती है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।

शुक्रवार को मोतीचूर में प्रेस वार्ता के दौरान प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डीबीएस खाती ने कहा कि यह बात तय है कि शिकार कहीं दूसरी जगह किया गया और अवशेष को राजाजी पार्क में डंप किया गया। इसका मकसद पता किया जाएगा। उन्होंने गुरुवार को देहरादून वन डिविजन की टीम के राजाजी पार्क क्षेत्र में घुसकर टाइगर का कंकाल बरामद करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि टीम में वार्डन स्तर का अधिकारी होना चाहिए था, जबकि टीम में केवल डिप्टी रेंजर व क्लेरिकल स्टाफ शामिल था। जो कि पार्क क्षेत्र में जांच के लिए योग्य नहीं है। टीम के आने की सूचना भी पार्क अधिकारियों को नहीं दी गई। एक एनजीओ के कार्यकर्ताओं की उक्त स्थल के आस-पास पहले से मौजूदगी भी सवाल खड़े कर रही है। उन्होंने बताया कि गुलदार के कंकाल काफी पुराने हैं, जबकि मांस ताजा है। इनके नमूने जांच के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट भेजे गए हैं। प्रमुख वन संरक्षक डीबीएस खाती, पार्क निदेशक सनातन, उपनिदेशक वैभव ¨सह, कैम्पा के प्रभारी अधिकारी समीर सिन्हा ने मौका मुआयना किया। इस दौरान डॉग स्क्वायड की मदद से तथ्य जुटाए गए। मौके पर जांच टीम को इत्र की शीशी, शराब की बोतल और आसपास की झाड़ियों में नॉट बंधी मिली। गुरुवार को राजाजी पार्क क्षेत्र से गुलदार के तीन कंकाल व एक खाल बरामद की गई।

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