बरेली से जुड़े सेना के जाली दस्तावेज बनाने वालों के तार, लोगों को भेजते थे इराक, पाकिस्तान और अफगानिस्तान

सेना के जाली दस्तावेज बनाकर व्यक्तियों को विदेश भेजने वाले गिरोह के तार बरेली से जुड़ रहे हैं। जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों ने कुछ पासपोर्ट बरेली स्थित पासपोर्ट कार्यालय से भी बनाए थे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 09:49 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 09:49 AM (IST)
बरेली से जुड़े सेना के जाली दस्तावेज बनाने वालों के तार, लोगों को भेजते थे इराक, पाकिस्तान और अफगानिस्तान
बरेली से जुड़े सेना के जाली दस्तावेज बनाने वालों के तार।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सेना के जाली दस्तावेज बनाकर व्यक्तियों को विदेश भेजने वाले गिरोह के तार बरेली से जुड़ रहे हैं। जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों ने कुछ पासपोर्ट बरेली स्थित पासपोर्ट कार्यालय से भी बनाए थे। ऐसे में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एक टीम जांच के लिए बरेली भेजी जा रही है। 

एसटीएफ और आर्मी इंटेलीजेंस की संयुक्त टीम ने जाली दस्तावेज बनाकर व्यक्तियों को अफगानिस्तान, पाकिस्तान, दुबई और इराक भेजने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गुरुवार को गिरफ्तार किया था। इनके पास से बड़ी संख्या में सेना के जाली दस्तावेज बरामद किए गए थे। एसटीएफ की जांच का मुख्य फोकस अब पासपोर्ट दफ्तर से मिलने वाले डाटा पर है। इसलिए एक टीम को पासपोर्ट दफ्तर में लगाया गया है। एसटीएफ को इसकी भी जानकारी मिली है कि आरोपितों ने बरेली स्थित पासपोर्ट कार्यालय से भी कई लोग के पासपोर्ट बनवाए और उन्हें विदेश भेजा। 

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि सोमवार को पासपोर्ट ऑफिस से डाटा मिलने के बाद पता लग सकेगा कि सेना के जाली दस्तावेजों के आधार पर कितने व्यक्तियों के पासपोर्ट यहां से बने और कितनों को विदेश भेजा गया। उन्होंने बताया कि जांच में यह भी सामने आ रहा है कि आरोपितों ने अन्य राज्यों से भी पासपोर्ट बनवाए हैं।

प्लेसमेंट एजेंसियों के बारे में जुटाई जा रही जानकारी

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि किन प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से व्यक्तियों को विदेश भेजा गया, उनकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने बताया कि विदेशी एजेंसियों का यहां की एजेंसियों के साथ टाइअप रहता है। विदेशी एजेंसियां पहले आवश्यकता बताती हैं, उसी आधार पर यहां से व्यक्तियों को विदेश भेजा जाता है। स्थानीय स्तर पर ऐसी ही प्लेसमेंट एजेंसियों की जानकारी जुटाई जा रही है।

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