कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा- कार्य संचालन नियमावली के अनुसार चलाया जाए सदन

कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन कार्य संचालन नियमावली में दी गई व्यवस्था के अनुसार संचालित नहीं हो रहा है। नियमावली में राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर चर्चा के लिए जो प्रविधान किए गए हैं उनका अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 05:32 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 05:32 PM (IST)
कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा- कार्य संचालन नियमावली के अनुसार चलाया जाए सदन
कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन कार्य संचालन नियमावली के अनुसार चलाया जाए।

राज्य ब्यूरो, गैरसैंण। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन कार्य संचालन नियमावली में दी गई व्यवस्था के अनुसार संचालित नहीं हो रहा है। नियमावली में राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर चर्चा के लिए जो प्रविधान किए गए हैं उनका अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

सरकार सोमवार को प्रश्नकाल का दिन भी नहीं रख रही है। इस कारण मुख्यमंत्री से जुड़े विषयों पर चर्चा नहीं हो पा रही है। ऐसे में सरकार को सदन के संचालन को लेकर नियम समिति का गठन करना चाहिए। इसका जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री का प्रभार देख रहे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सदन का संचालन कार्यमंत्रणा समिति में लिए गए निर्णय के अनुसार किया जाता है। इसमें विपक्ष के सदस्य भी शामिल होते हैं। जहां तक नियम समिति की बात है तो यह पहले से ही गठित है।

मंगलवार को सदन में नियम 299 के तहत व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि नियम कहता है कि सदन साल में 60 दिन चलना चाहिए। ऐसा नहीं हो पा रहा है। सभी निर्धारित प्रश्नों का जवाब देने के लिए विभागीय कार्यसूची बनाई गई है। इसमें अभी तक सोमवार का दिन नहीं आ पाया है। सोमवार का दिन मुख्यमंत्री के जवाब देने का होता है। इस दिन प्रश्नकाल न चलने के कारण मुख्यमंत्री के विभागों के जवाब नहीं आ पा रहे हैं। आय व्यय जब प्रस्तुत किया जाता है तो उसके दो दिन बाद चर्चा किए जाने की व्यवस्था है ताकि सदस्य इसे पढ़ सकें। 

अनुपूरक मांग पर 14-15 दिन चर्चा की जाए मगर लंबे समय से ऐसा नहीं हो पा रहा है। विशेष परिस्थितियों में तो सदन कम समय तक चलाया जा सकता है लेकिन अब लगातार ऐसा हो रहा है। इस पर ध्यान देते हुए नियमों में बदलाव को समिति का गठन किया जाना चाहिए। इस पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कार्यसूची जब तैयार की जाती है तो कई प्रकिया से होकर गुजरती है। कार्यमंत्रणा समिति सदन का कार्य तय करती है। इसे सदन पटल पर रखा जाता है। जब सदन इसकी अनुमति देता है तो फिर उसी हिसाब से सदन की कार्यवाही चलती है। ऐसे में किसी को इससे कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

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