विधानसभा अध्यक्ष कैंप कार्यालय के पास कांग्रेस नेता का मौन व्रत, आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे का विरोध

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राजपाल खरोला ने टोल प्लाजा मामले में आंदोलनकारियों खिलाफ दर्ज मुकदमों का विरोध किया है। उन्होंने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के बैराज स्थित कैंप कार्यालय के समीप एक घंटे का मौन व्रत रखा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 04:07 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 04:07 PM (IST)
विधानसभा अध्यक्ष कैंप कार्यालय के पास कांग्रेस नेता का मौन व्रत, आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे का विरोध
विधानसभा अध्यक्ष कैंप कार्यालय के पास कांग्रेस नेता का मौन व्रत।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राजपाल खरोला ने टोल प्लाजा मामले में आंदोलनकारियों खिलाफ दर्ज मुकदमों का विरोध किया है। उन्होंने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के बैराज स्थित कैंप कार्यालय के समीप एक घंटे का मौन व्रत रखा।

कांग्रेस प्रदेश महासचिव खरोला शनिवार को अचानक बैराज रोड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कैंप कार्यालय के समीप आस्था पथ पर मौन व्रत पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि विगत 10 जून को छिददरवाला टोल प्लाजा के विरोध में शांति पूर्ण तरीके से किए जा रहे प्रदर्शन के खिलाफ क्षेत्रीय विधायक के दबाव में आकर पुलिस ने आंदोलनकारियों के ऊपर कोरोना अधिनियम उल्लंघन के केस दर्ज किए। उसके खिलाफ उन्होंने स्वयं ऋषिकेश विधायक विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के गंगा नदी के निकट क्षेत्रीय कार्यालय के सम्मुख एक घंटे का मौन व्रत व उपवास रखा।

मौन व्रत समाप्त होने के बाद खरोला ने कहा अब ऋषिकेश के विधायक की सहनशीलता समाप्त हो चुकी है और उनमे पद का गुरुर आ गया है। वे अपने खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुनना चाहते हैं। विधायक अपने कई कार्यक्रम में भीड़ और बिना भास्कर के नजर आए, लेकिन किसी भी भाजपा के कार्यकर्ता नेता के ऊपर कोविड के नियमों का उल्लंघन का केस दर्ज नहीं किया गया। आखिर ऋषिकेश विधानसभा की आम जनता के ऊपर, जिनकी मांग सिर्फ टोल प्लाजा निरस्त करने की है उनके ऊपर ही क्यों सरकार द्वारा केस दर्ज किए गए यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

खरोला ने चेतावनी देते हुए कहा की उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों से बना है जब भी उत्तराखंड राज्य में कोई विकास विरोधी कार्य होगा तो राज्य के आंदोलनकारी गलत कार्य के विरोध में खड़े होते रहेंगे इसलिए आंदोलनकारियों की मांग को पूरा करें ना कि आंदोलनकारियों को कुचलने का कार्य करें।

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