Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में कांग्रेस की निष्क्रिय जिला इकाइयों में होगा बदलाव, पढ़िए पूरी खबर
2022 में विधानसभा चुनाव के लिए ताकत झोंक रही कांग्रेस परिवर्तन यात्रा के जरिये चुनावी बिगुल फूंक चुकी है। परिवर्तन यात्रा का दूसरा चरण हरिद्वार जिले में समापन की ओर है। प्रदेश में चुनावी मोड में आ चुकी कांग्रेस अब प्रदेश से लेकर जिलों तक संगठन को चुस्त-दुरुस्त करेगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में चुनावी मोड में आ चुकी कांग्रेस अब प्रदेश से लेकर जिलों तक संगठन को चुस्त-दुरुस्त करेगी। खासतौर पर निष्क्रिय जिला इकाइयों में बदलाव की तैयारी है। इस काम के लिए नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट मिलने पर सक्रिय व्यक्तियों के हाथों में इकाइयों की कमान सौंपी जाएगी।
2022 में विधानसभा चुनाव के लिए ताकत झोंक रही कांग्रेस परिवर्तन यात्रा के जरिये चुनावी बिगुल फूंक चुकी है। परिवर्तन यात्रा का दूसरा चरण हरिद्वार जिले में समापन की ओर है। इसी माह के अंतिम हफ्ते में तीसरा चरण प्रारंभ किया जाएगा। चुनाव यात्रा के साथ पार्टी अपनी सांगठनिक मजबूती और क्षमता का भी आकलन कर रही है। दरअसल कांग्रेस के सामने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में मौजूद भाजपा की कड़ी चुनौती है। संगठन के लिहाज से भी भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जाती है। टक्कर देने के लिए कांग्रेस भी अपने संगठन को मजबूत बना रही है।
यह भी पढ़ें- Uttarakhand Chunav: भाजपा में टिकट के दावेदारों के बीच क्षेत्रों में पकड़ दिखाने की होड़, अगले साल हैं चुनाव
सुस्त प्रदर्शन कर रही इकाइयों को बदलेंगे
बीती 22 जुलाई को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने गणेश गोदियाल पुरानी कमेटी से ही काम चला रहे हैं। अपने कामकाज के संचालन को उन्होंने प्रदेश संगठन में कुछ नए चेहरों को जोड़ा है तो कुछ को नई जिम्मेदारी से नवाजा है। परिवर्तन यात्रा के जरिये संगठन की सक्रियता को भांप रहे गोदियाल जिला स्तर पर पार्टी इकाइयों में बदलाव चाहते हैं। इस कार्य के लिए वह पर्यवेक्षकों की तैनाती कर चुके हैं। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट से जिला इकाइयों की सक्रियता का पता चलेगा। इसके बाद सुस्त प्रदर्शन करने वाली इकाइयों को बदला जाएगा।
प्रदेश संगठन में जुड़ेंगे नए नाम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिला स्तर पर जहां भी आवश्यक होगा, बदलाव किया जाएगा। इसके लिए वह खुद भी होमवर्क कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फेरबदल तो नहीं होगा, लेकिन मजबूती से काम करने के लिए नए चेहरों को जोड़ा जाएगा। पुरानी सूची में भी कुछ नाम छूट गए हैं, उन्हें स्थान देने पर विचार किया जा रहा है। इस पूरी कवायद का मकसद कांग्रेस को जमीन पर ताकत देना है। संगठन की सक्रियता से ही पार्टी लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगी।
यह भी पढ़ें- केजरीवाल आज हल्द्वानी में तो नानकत्ता में मत्था टेकेंगे सीएम और राज्यपाल