उत्‍तराखंड में कांग्रेस ने 2022 की चुनावी तैयारी का नए तेवरों के साथ किया आगाज

कांग्रेस ने 2022 की चुनावी तैयारी का नए तेवरों के साथ आगाज कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल उनके साथ चुनाव अभियान समिति की कमान थामे उत्तराखंड की सियासत के मंझे खिलाड़ी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत संगठन के नए स्वरूप के साथ भाजपा की सिरदर्दी बढ़ाने जा रहे हैं।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:50 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:50 AM (IST)
उत्‍तराखंड में कांग्रेस ने 2022 की चुनावी तैयारी का नए तेवरों के साथ किया आगाज
कांग्रेस ने 2022 की चुनावी तैयारी का नए तेवरों के साथ आगाज कर दिया है।

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून: कांग्रेस ने 2022 की चुनावी तैयारी का नए तेवरों के साथ आगाज कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में युवा गणेश गोदियाल और उनके साथ चुनाव अभियान समिति की कमान थामे उत्तराखंड की सियासत के मंझे खिलाड़ी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत संगठन के नए स्वरूप के साथ भाजपा की सिरदर्दी बढ़ाने जा रहे हैं। पार्टी अगला चुनाव करो या मरो की तर्ज पर लड़ेगी।

चुनाव से महज सात महीने पहले प्रदेश में कांग्रेस के भीतर किए गए बड़े बदलाव का मकसद साफ है कि सत्तारूढ़ दल को एक साथ कई मोर्चों पर घेरा जाए। प्रदेश की सियासत में वजनदार माने जाने वाली कांग्रेस पहले 2017 और फिर उसके बाद 2019 में मिली बड़ी शिकस्त को भूल नहीं पाई है। प्रदेश की सत्ता में वापसी को पूरी ताकत से हाथ-पांव मार रही प्रमुख विपक्षी पार्टी ने तकरीबन साढ़े चार साल की अवधि में सत्तारूढ़ दल की हर गतिविधि पर पैनी निगाह रखी है।

कांग्रेस ने हालिया बड़े बदलाव में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर प्रदेश अध्यक्ष पद पर गणेश गोदियाल की ताजपोशी का दांव खेला गया है। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती युवा मतदाताओं को लुभाकर उन्हें पार्टी के मजबूत वोटबैंक के रूप में जोड़ने की है। गोदियाल युवा तो हैं ही, साथ ही प्रचंड बहुमत से सत्ता पर बैठी भाजपा पर केंद्रित कर बिछाई गई कांग्रेस की सियासी बिसात में तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं। बाबा केदारनाथ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुड़ाव के रूप में जिस मनोवैज्ञानिक बढ़त की नाव पर भाजपा सवार है, गोदियाल को उसी नाव को हिचकोले खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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देवस्थानम बोर्ड बनने के बाद बदरी व केदार की गढ़वाल भूमि में जिस असंतोष की सुगबुगाहट हो रही है, बदरी-केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गोदियाल पर उसे और ध्रुवीकृत करने का जिम्मा होगा। वहीं चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के रूप में राज्य की सियासत के सबसे अनुभवी चेहरे हरीश रावत गणेश गोदियाल की रणनीतिक रूप में पूरी मदद करेंगे। गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर रावत ने भी भाजपा की घेराबंदी का बड़ा दांव खेला है। वहीं कांग्रेस नेतृत्व ने गोदियाल, हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर सबको साधने रखने को बंदोबस्त किया है। प्रदेश में पार्टी नेताओं के बीच वर्चस्व को लेकर भले ही घमासान चलता रहे, कांग्रेस नेतृत्व ने उत्तराखंड में सबको साथ लेकर भाजपा को चुनौती देने की ठान ली है।

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