युवाओं में पैठ को कांग्रेस का छात्रसंघ चुनाव का राग, बढ़ेगी सरकार की मुश्किलें

चुनावी साल में कांग्रेस कोई भी ऐसा मुद्दा हाथ से नहीं जाने देना चाहती जिसमें सरकार और भाजपा को घेरने का मौका मिले। कांग्रेस ने छात्र राजनीति में पैठ मजबूत करने में जुट गई है। कांग्रेस छात्रसंघ चुनाव को ही मुद्दा बना रही है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 18 Nov 2021 07:30 AM (IST)
युवाओं में पैठ को कांग्रेस का छात्रसंघ चुनाव का राग, बढ़ेगी सरकार की मुश्किलें
छात्रसंघ चुनाव से दूर चल रहे छात्र-छात्राओं की राजनीति को लेकर कांग्रेस ने सरकार की घेराबंदी कर दी है

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में चुनावी राजनीति के केंद्र में अब युवा मतदाताओं, यानी छात्र-छात्रा भी आ गए हैं। डिग्री कालेजों के एक लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने की सरकार की घोषणा से बेचैन कांग्रेस ने अब छात्रसंघ चुनाव को मुद्दा बना लिया है। कोरोना के चलते पिछले साल से छात्रसंघ चुनाव से दूर चल रहे छात्र-छात्राओं की राजनीति को लेकर कांग्रेस ने सरकार की घेराबंदी कर दी है। प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी के इस कदम से छात्र राजनीति के साथ ही सत्तारूढ़ दल में भी हलचल बढ़ना तय है।

विधानसभा चुनाव में युवा मतदाताओं की निर्णायक भूमिका रही है। अब वे सिर्फ चुनावी माहौल को गर्माने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक दलों के जीत के समीकरणों को बना और बिगाड़ रहे हैं। राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम ये साबित भी कर चुके हैं। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल युवाओं खासतौर पर छात्र-छात्राओं को लुभाने के लिए गुलाबी वायदों से गुरेज नहीं कर रहे हैं।

धामी सरकार ने सरकारी डिग्री कालेजों के एक लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने के निर्णय को जमीन पर उतारने की कसरत प्रारंभ कर दी है। इसकी तोड़ ढूंढ़ने में जुटी कांग्रेस को छात्र राजनीति ने सरकार पर प्रहार के लिए नया हथियार मुहैया करा दिया है। कोरोना महामारी के चलते पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से स्कूल-कालेज बंद ही रहे हैं। बीते वर्ष इसी के चलते छात्रसंघ चुनाव पर असर पड़ा था। चालू शैक्षिक सत्र भी काेरोना संक्रमण में सुधार के बाद करीब छह माह देर से प्रारंभ हुआ है।

कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करने के निर्देश विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों को हैं। छात्रसंघ चुनाव को लेकर छाई चुप्पी तोड़ने को कांग्रेस सक्रिय हो गई है। पार्टी जानती है कि सरकार के लिए इस बारे में फैसला लेना आसान नहीं है। लिहाजा अन्य गतिविधियां प्रारंभ होने का हवाला देकर छात्रसंघ चुनाव के समर्थन में कांग्रेस खड़ी हो गई है। सरकार पर इस कदम से दबाव बढ़ना तय है। इसे भांपकर ही विपक्षी दल ने छात्र-छात्राओं ,खासतौर पर छात्रसंघों में पैठ मजबूत करने को यह नया राग छेड़ दिया है।

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