देहरादून, देहरादून। बीते मानसून सत्र में संसद में पास हुए कृषि विधेयकों के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार को राजभवन कूच करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि तीनों कृषि विधेयक देश के 65 करोड़ किसानों को गुलाम बनाने की साजिश हैं। उन्होंने कहा कि अगर देश में अधिकतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) प्रणाली ही समाप्त हो जाएगी तो किसान अपनी फसल का मूल्य कैसे तय कर पाएंगे। कूच में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नहीं पहुंचे, जबकि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कोरोना संक्रमति होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं।
निर्धारित कार्यक्रम के तहत कांग्रेस का राजभवन कूच दोपहर करीब सवा 12 बजे राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय से प्रीतम सिंह के नेतृत्व में शुरू हुआ। बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता राजपुर रोड और दिलाराम बाजार से होते हुए हाथीबड़कला पहुंचे। यहां पहले से मुस्तैद पुलिस बल ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को आगे जाने से रोक दिया। इसको लेकर पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बाद प्रीतम सिंह समेत पार्टी के अन्य नेता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। करीब पौने दो बजे एडीएम प्रशासन प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे तो प्रीतम सिंह ने उनको राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके बाद प्रदर्शन समाप्त किया गया।
राजभवन कूच से पूर्व कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रीतम सिंह ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अनाज मंडी और सब्जी मंडी समाप्त कर किसान को पंगु बनाने की साजिश रची है। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन कर मोदी सरकार ने जमाखोरी और कालाबाजारी को वैध बना दिया है। उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों किसान मोदी सरकार के इन किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ सड़क पर उतरे हुए हैं और प्रधानमंत्री आंखें बंद कर इन विधेयकों को जायज ठहरा रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार गरीब किसानों की उपज को मनमाने ढंग से पूंजीपतियों और बिचौलियों के हाथ बेचने की योजना बना चुकी है। जनमत का मतलब यह नहीं है कि चुनी हुई सरकार दमनकारी नीति अपनाए। मोदी सरकार इसी राह पर चल रही है।
इन्होंने भी बोला केंद्र पर हमला
सभा को राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, प्रदेश उपाध्यक्ष रंजीत रावत, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, विधायक ममता राकेश, विधायक मनोज रावत, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, पूर्व विधायक राजकुमार, किसान नेता धर्मपाल, जिला पंचायत रुद्रप्रयाग की पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने भी संबोधित किया।
यह रहे मौजूद प्रदर्शन में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, पूर्व काबीना मंत्री हरीश दुर्गापाल, शूरवीर सिंह सजवाण, दिनेश अग्रवाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, मातबर सिंह कंडारी, हाजी फुरकान, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य, सेवादल अध्यक्ष राजेश रस्तोगी, पूर्व विधायक रणजीत सिंहह रावत, विजयपाल सिंह सजवाण, गणेश गोदियाल, शैलेंद्र रावत, जोत सिंह गुनसोला, नवतेज पाल सिंह, रामयश सिंह, नारायण पाल, उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, महामंत्री संजय पालीवाल, विजय सारस्वत, महेश शर्मा, ताहिर अली, हरिकृष्ण भट्टं आदि मौजूद रहे।
शारीरिक दूरी के नियम की उड़ीं धज्जियां
राजभवन कूच और सभा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन की तनिक भी परवाह नहीं की। प्रदर्शन के दौरान सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियम की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। रैली और हाथीबड़कला में धरना देने के दौरान कार्यकर्ता एक-दूसरे के काफी पास नजर आए। पार्टी के कुछ बड़े नेता बार-बार मंच से शारीरिक दूरी के नियम की दुहाई देते दिखे, लेकिन कार्यकत्र्ताओं पर इसका असर नहीं पड़ा।