उत्तराखंड पंचायत चुनावः कांग्रेस ने निर्दलीयों पर फिर ठोका दावा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि निर्दलीयों में ज्यादातर कांग्रेस से जुड़े हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर पंचायत चुनाव जीतने के लिए हर स्तर पर मनमानी का आरोप लगाया।

By BhanuEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 11:53 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 11:53 AM (IST)
उत्तराखंड पंचायत चुनावः कांग्रेस ने निर्दलीयों पर फिर ठोका दावा
उत्तराखंड पंचायत चुनावः कांग्रेस ने निर्दलीयों पर फिर ठोका दावा

देहरादून, राज्य ब्यूरो। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों से कांग्रेस भी खासी उत्साहित है। ग्राम प्रधानों के साथ ही ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों में सदस्यों के पदों पर पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को कामयाबी मिलने की उम्मीद पार्टी के शीर्ष नेताओं को है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि निर्दलीयों में ज्यादातर कांग्रेस से जुड़े हैं। वहीं उन्होंने प्रदेश सरकार पर पंचायत चुनाव जीतने के लिए हर स्तर पर मनमानी करने का आरोप लगाया।

इस बार पंचायत चुनाव से कांग्रेस को बड़ी आस है। पहले विधानसभा चुनाव और अब हाल ही में लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार का मुंह देख चुकी प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी को पंचायत में कामयाबी मिलने का भरोसा है। बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। लिहाजा पंचायत चुनाव में कांग्रेस अपनी पैठ मजबूत बनाने में कामयाब रही थी। अब सियासी समीकरण में बड़ा उलटफेर हो चुका है। लगातार बड़ी हार के बाद सियासी वजूद बचाने को छटपटा रही कांग्रेस ने पंचायत चुनाव के लिए खासी मशक्कत की है।

कांग्रेस पार्टी ने रणनीति के तहत जिला पंचायत सदस्यों की सीट पर समर्थित प्रत्याशियों की सूची जारी की। जिन सीटों पर विवाद रहा, वहां पार्टी ने किसी एक का पक्ष लेने से गुरेज किया। ऐसे में पार्टी जो जीता वहीं सिकंदर की तर्ज पर जिताऊ पर अपना दावा ठोकने को तत्पर है। पार्टी रणनीतिकारों का दावा है कि ग्राम प्रधानों से लेकर ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों में सदस्यों के पदों पर कांग्रेस से जुड़े निर्दलीयों को जीत मिली है। 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी को भरपूर जन समर्थन मिला है। हालांकि, उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रदेश सरकार और सत्तारूढ़ दल भाजपा ने पंचायत चुनाव जीतने के लिए परिसीमन, आरक्षण से लेकर नामाकंन तक हर स्तर पर अनियमितताएं बरतीं। 

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यही नहीं उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल दागे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि सीएम अंतरात्मा से बताएं कि आरक्षण सही किया गया या नहीं। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत हमेशा मुख्यमंत्री नहीं रहने वाले।

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