वार्षिक परीक्षाओं के आयोजन को लेकर असमंजस, अभिभावकों को रास नहीं आ रही निजी स्कूलों की ये बात
वार्षिक परीक्षाओं के आयोजन को लेकर राज्य एवं सीबीएसई की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में भिन्नता होने से अभिभावक असमंजस की स्थिति में हैं। इसका फायदा उठाकर दून के निजी स्कूल हर छात्र पर स्कूल आकर ऑफलाइन परीक्षा देने का दबाव बना रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। वार्षिक परीक्षाओं के आयोजन को लेकर राज्य एवं सीबीएसई की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में भिन्नता होने से अभिभावक असमंजस की स्थिति में हैं। इसका फायदा उठाकर दून के निजी स्कूल हर छात्र पर स्कूल आकर ऑफलाइन परीक्षा देने का दबाव बना रहे हैं। यह बात अभिभावकों को रास नहीं आ रही। अभिभावकों का कहना है कि जब राज्य सरकार की ओर से ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प देने के निर्देश हैं तो हर स्कूल को इनका पालन करना चाहिए।
सीबीएसई की ओर से पिछले महीने जारी एक सर्कुलर में नौवीं एवं 11वीं के छात्रों को स्कूल आकर परीक्षा देने को कहा गया था। हालांकि अन्य नॉन बोर्ड छात्रों के लिए बोर्ड ने कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए। इधर, शासन की ओर से पिछले हफ्ते जारी आदेश के अनुसार, पांचवीं तक के छात्रों को बिना परीक्षा पास किया जाना है। वहीं, छठी से ऊपर की कक्षाओं को उनकी सहूलियत के हिसाब से ऑफलाइन या ऑनलाइन परीक्षा देने की छूट दी गई है। दोनों गाइडलाइन में फर्क होने से अभिभावक असमंजस में हैं कि किसके निर्देशों का पालन किया जाए।
न्यू दून ब्लॉसम स्कूल को नोटिस
सहस्रधारा रोड स्थित न्यू दून ब्लॉसम स्कूल में सोमवार को अभिभावकों ने परीक्षा का आयोजन केवल ऑफलाइन से करने पर जमकर हंगामा किया। अभिभावक संतोष रावत ने बताया कि कुछ दिन पहले स्कूल की ओर से वार्षिक परीक्षा के लिए छात्रों को अनिवार्य रूप से स्कूल भेजने का संदेश आया। सोमवार को जब अभिभावक यहां पहुंचे तो स्कूल ने बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने से हाथ खड़े कर दिए और अभिभावकों को सहमति पत्र देने को कहा गया। इसकी शिकायत मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली से भी गई। शिकायत पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को नोटिस भेजते हुए छठी से ऊपर की कक्षाओं को ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प देने के निर्देश भी दिए।
अभिभावक एकता समिति के अध्यक्ष लव चौधरी ने बताया कि दून के निजी स्कूल विभाग एवं सरकार की नाक के नीचे हर नियम का उल्लंघन कर रहे हैं, लेकिन विभाग एवं सरकार कोई सख्त कदम उठाने की जहमत नहीं उठाते। अभिभावक अगर अपने बच्चों को ऑनलाइन परीक्षा दिलाना चाहते हैं तो हर स्कूल को इसका विकल्प देना चाहिए।
प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप का कहना है कि निजी स्कूलों को राज्य सरकार की ओर से जारी एसओपी एवं निर्देशों का पूरा पालन करने के लिए कहा गया है। अगर कोई स्कूल इसका पालन नहीं करता तो विभाग उचित कार्रवाई कर सकता है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्युली ने बताया कि हर स्कूल को अनिवार्य रुप से राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होगा। अगर कोई स्कूल नियमों का पालन नहीं करता है, उसकी लिखित शिकायत शिक्षा विभाग से की जा सकती है, संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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