उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड में टकराव की स्थिति, अध्यक्ष और सचिव आमने-सामने

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष व सचिव के आमने-सामने आने से टकराव की स्थिति बन गई है। सचिव श्रम हरबंस चुघ ने बीते वर्ष अक्टूबर में नए बोर्ड के गठन के बाद से अब तक के पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 10:15 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 10:15 AM (IST)
उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड में टकराव की स्थिति, अध्यक्ष और सचिव आमने-सामने
उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड में टकराव की स्थिति।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष व सचिव के आमने-सामने आने से टकराव की स्थिति बन गई है। सूत्रों के मुताबिक इस टकराव को देखते हुए सचिव श्रम हरबंस चुघ ने बीते वर्ष अक्टूबर में नए बोर्ड के गठन के बाद से अब तक के पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी है और सरकार से आगे के लिए दिशा-निर्देश मांगे हैं।

उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड में इस समय अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल व सचिव मधु नेगी चौहान के बीच रार चल रही है। दरअसल, यह विवाद बीते वर्ष अक्टूबर में श्रम मंत्री हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से हटाने के बाद शुरू हुआ था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बोर्ड भंग करते हुए इसे नए सिरे से गठित किया। इसके बाद नए अध्यक्ष ने पुराने बोर्ड के कई फैसलों को पलट दिया था। इस पर श्रम मंत्री ने नाराजगी भी जताई थी। यह टकराव तब और बढ़ा, जब बीते बुधवार को बोर्ड अध्यक्ष ने बोर्ड बैठक के बाद सचिव को एकतरफा कार्यमुक्त करने का पत्र थमा दिया।

उन्होंने सचिव को हटाने की संस्तुति करते हुए मुख्य सचिव व श्रम सचिव को भी पत्र भेज दिया। इसके साथ ही उन्होंने देहरादून के उपश्रमायुक्त एनसी कुलाश्री को बोर्ड का कार्यवाहक सचिव नियुक्त कर दिया। यह मामला सुर्खियों में आया तो सचिव श्रम ने उच्च स्तर से प्राप्त निर्देशों के क्रम में पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी है। सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में पिछले साल अक्टूबर से नए बोर्ड के गठन के बाद से अब तक पूरे प्रकरण का ब्यौरा दिया गया है।

इसमें यह भी बताया गया है कि कि मामला क्या है और अभी क्या चल रहा है। रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि टकराव बहुत अधिक बढ़ गया है। यह भी कहा गया है कि बोर्ड स्वायत्त निकाय जरूर है लेकिन कोई भी काम करने से पहले उसे शासन का अनुमोदन व स्वीकृति लेनी जरूरी है। सचिव को हटाने के मसले पर भी यही नियम लागू होता है। इस मामले में बोर्ड ने सीधे कार्यवाही कर दी है।

सचिव श्रम हरबंस चुघ का कहना है कि बोर्ड में टकराव की स्थिति है। इसे देखते हुए उच्चादेश प्राप्त किए जा रहे हैं। वहीं, श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। जल्द ही मुख्यमंत्री से वार्ता कर बोर्ड के संबंध में फैसला लिया जाएगा।

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