चकराता में आखिर कब सुधरेगी बदहाल शहीद दिनेश मार्ग की हालत

कारगिल शहीद दिनेश रावत मोटर मार्ग की हालत बद से बदतर हो गई है। सरकार ने कुछ समय पहले शहीद दिनेश के नाम पर सड़क का नामकरण किए जाने के बाद शुरुआती चरण में हुए सड़क कटिंग कार्य के बाद से दोबारा इस ओर ध्यान नहीं दिया।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 07:05 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 07:05 AM (IST)
चकराता में आखिर कब सुधरेगी बदहाल शहीद दिनेश मार्ग की हालत
कारगिल शहीद दिनेश रावत मोटर मार्ग की हालत बद से बदतर हो गई है।

चकराता, जेएनएन। जिम्मेदारों की अनदेखी व तंत्र की उदासीनता से देश की आन-बान व शान के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कारगिल शहीद दिनेश रावत मोटर मार्ग की हालत बद से बदतर हो गई है। सरकार ने कुछ समय पहले शहीद दिनेश के नाम पर सड़क का नामकरण किए जाने के बाद शुरुआती चरण में हुए सड़क कटिंग कार्य के बाद से दोबारा इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिससे मार्ग की हालत बद से बदतर हो गई। पिछले एक दशक से सड़क सुधारीकरण व डामरीकरण की बाट जोह रहे इस मार्ग की हालत कब सुधरेगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है। 

    सीमावर्ती  बंगाण क्षेत्र के कई गांवों को त्यूणी बाजार से जोडऩे वाले करीब 18 किमी लंबे शहीद दिनेश मार्ग पर सफर करना स्थानीय जनता के लिए काफी मुश्किल हो गया है। बदहाल पड़े इस मार्ग की वजह से ग्रामीणों को एक घंटे का सफर तय करने में तीन से चार घंटे लग जाते हैं। वर्ष 2007-8 में सरकार ने सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र की तीन ग्राम पंचायतें मैजणी, भूटाणू, किरोली समेत आसपास के कुछ अन्य गांवों को जेपीआरआर हाइवे व नया बाजार त्यूणी से जोडऩे को शहीद दिनेश मोटर मार्ग निर्माण को मंजूरी दी थी। जिसके बाद कार्यदायी संस्था लोनिवि खंड पुरोला ने सड़क कार्य शुरू किया था।

स्थानीय ग्रामीणों की माने तो लोनिवि ने वर्ष 2011 में सड़क कटिंग कार्य निपटाने के बाद इसके डामरीकरण का कार्य नहीं किया। जिससे बंगाण क्षेत्र की करीब तीन हजार ग्रामीण आबादी को सड़क सुविधा से जोडऩे वाले शहीद दिनेश के नाम से बने गमरी-मैजणी-भूटाणू मोटर मार्ग की हालत बद से बदतर हो गई। सरकार ने शहीद दिनेश के नाम से मोटर मार्ग का नामकरण तो कर दिया। लेकिन उसके बाद मार्ग की हालत सुधारने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए। जिम्मेदारों की अनदेखी व तंत्र की उदासीनता से सीमांत क्षेत्र को जोडऩे वाले शहीद दिनेश मार्ग पर सड़क के बीच जगह-जगह गहरे गड्ढे बने हुए हैं।

मार्ग की बदहाली के कारण यहां हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है। कई जगह तो डेंजर जोन वाले हिस्से में सड़क कटिंग कार्य भी मानकों के अनुरूप नहीं है। यहां लोग जैसे-तैसे जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है। पिछले कई वर्षों से बदहाल पड़े शहीद मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बड़ी मुश्किल से होती है। सड़क की हालत खराब होने से ग्रामीण किसान व बागवानों को अपनी कृषि उपज बाजार व मंडी तक लाने ले जाने की बड़ी समस्या है। ग्रामीणों के कई बार शिकायत करने से कोई कार्रवाई नहीं हो रही। सड़क की देखरेख का जिम्मा संभाले लोनिवि के अधिकारी बजट की कमी का रोना रो रहे हैं। ऐसे में दूर-दराज के इलाकों में बसे सैकड़ों ग्रामीण जनता के लिए बदहाल पड़े इस मार्ग पर सुहाना सफर करना आज भी सपने जैसा है। कई वर्षों से परेशानी झेल रहे ग्रामीणों ने सरकार से शहीद दिनेश मार्ग की हालत जल्द सुधारने को मांग की है। 

देश के लिए दी प्राणों की आहुति

सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र के मैजणी-गमरी निवासी शहीद दिनेश रावत वर्ष 1997 को गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे। वर्ष 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच छिडे कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मनों से लोहा लेते हुए दिनेश रावत मातृभूमि की रक्षा के लिए शहीद हो गए। मात्र 22 वर्ष की आयु में शहीद हुए दिनेश के बलिदान को लोग हमेशा याद रखेंगे।

यह भी पढ़ेंः सीएम ने पशुपालन विभाग के टोल फ्री नंबर का किया शुभारंभ

सड़क की हालत सुधारने को एसटी आयोग ने की पैरवी

कुछ समय पहले सीमांत क्षेत्र के दौरे पर आए एसटी आयोग के अध्यक्ष मूरतराम शर्मा के सामने बंगाण क्षेत्र के ग्रामीणों ने सड़क की समस्या रखी थी। जिस पर एसटी आयोग के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र प्रेषित कर शहीद दिनेश मार्ग की हालत सुधारने को सरकार से पैरवी की। मैंजणी के प्रधान अरुण रावत, किरोली के प्रधान चमन चौहान, भूटाणू के प्रधान कुशाल चौहान, क्षेत्र पंचायत सदस्य सतीश रावत, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य केवला चौहान, संदीप रावत व राकेश रावत आदि ने सरकार से शहीद दिनेश मार्ग के सड़क सुधारीकरण व डामरीकरण कार्य कराने की मांग की है। ताकि ग्रामीणों को आवाजाही में किसी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़े।

यह भी पढ़ेंः तो क्या केंद्र सरकार की एजेंसी नहीं कर रही थी निगरानी, निर्माणाधीन पुल ढहने के मामले में उठने लगे सवाल

chat bot
आपका साथी