जलागम योजना में बजट वापस करने से भड़के लोग, सीडीओ से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की
प्रखंड से जुड़े कांडी-चामा-गाता पंचायत के ग्रामीणों ने जलागम योजना के तहत विकास कार्यों के लिए आए बजट को वापस करने पर कड़ी नारागजी जताई है। उन्होंने कहा कि प्रधान पंचायत क्षेत्र में जलागम योजना से होने वाले प्रस्तावित कार्यों को नहीं करा रहे हैं।
संवाद सूत्र, चकराता: प्रखंड से जुड़े कांडी-चामा-गाता पंचायत के ग्रामीणों ने जलागम योजना के तहत विकास कार्यों के लिए आए बजट को वापस करने पर कड़ी नारागजी जताई है। उन्होंने कहा कि प्रधान पंचायत क्षेत्र में जलागम योजना से होने वाले प्रस्तावित कार्यों को नहीं करा रहे हैं। बजट वापस करने से पंचायत के विकास पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ग्रामीणों ने सीडीओ से मामले की शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की है। जिस पर जिला विकास अधिकारी ने डीपीआरओ को जांच के निर्देश दिए हैं।
लाखामंडल से सटे सीमांत कांडी-चामा-गाता पंचायत में जलागम विकास योजना के तहत आए बजट को वापस करने का मामला सामने आया है। उपप्रधान कल्पना राणा, वार्ड सदस्य ममता, आशा व राजेश आदि ने इस संबंध में सीडीओ को पत्र भेजा है। ग्रामीणों ने कहा कि कांडी-चामा-गाता पंचायत में जलागम योजना के तहत होने वाले विभिन्न विकास कार्य प्रस्तावित है। जिसके लिए जलागम विभाग से बजट भी उपलब्ध कराया गया है, लेकिन प्रधान पंचायत क्षेत्र में होने वाले जलागम योजना के कार्यों को नहीं करा रहे हैं। जिससे पंचायत क्षेत्र में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। प्रधान के इस फैसले पर स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ी नाराजगी जताई है। ग्रामीणों ने सीडीओ से पंचायत क्षेत्र में बिना प्रस्ताव के मनमाने ढंग किए जा रहे 14वां वित्त, राज्य वित्त, मनरेगा और अन्य योजनाओं के विकास कार्यों के भुगतान पर रोक लगाने की मांग की। साथ ही जलागम समिति के गठन में लेखपाल के चयन को लेकर ग्रामीणों व प्रधान के बीच आपसी सहमति नहीं बनने की शिकायत की।
यह भी पढ़ें- Coronavirus Outbreak: दूसरे राज्यों के छात्रों को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट पर ही मिलेगा प्रवेश
ग्रामीणों ने जलागम योजना के संचालन को आए बजट का पंचायत के विकास कार्य में सही तरीके से उपयोग करने पर जोर दिया। पूर्व प्रधान मातबर ङ्क्षसह, स्थानीय विजय सिंह, त्रेपन सिंह, जयपाल सिंह, भजन सिंह, सुरेंद्र सिंह, लाखीराम, महावीर आदि ने पंचायत क्षेत्र में जलागम योजना से होने वाले विकास कार्यों को प्लान के आधार पर कराने की मांग की। वहीं, सीडीओ के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल ने डीपीआरओ को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
यह भी पढ़ें- ऋषिकेश नगर निगम महापौर बोलीं, सेवा, समर्पण और त्याग की मिसाल है आरएसएस
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें