उत्तराखंड की 662 न्याय पंचायतों में लगेंगे कांपेक्टर, प्लास्टिक कचरे से मुक्ति को शुरू होगी मुहिम

शहरी क्षेत्रों की भांति गांवों को भी प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने की दिशा में सरकार सक्रिय हो गई है। इस कड़ी में कोशिश की जा रही है कि सभी 662 न्याय पंचायतों में गांवों से एकत्रित प्लास्टिक-पालीथिन कचरे के मद्देनजर कांपेक्टर लगाए जाएं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 11:41 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 11:41 AM (IST)
उत्तराखंड की 662 न्याय पंचायतों में लगेंगे कांपेक्टर, प्लास्टिक कचरे से मुक्ति को शुरू होगी मुहिम
उत्तराखंड की 662 न्याय पंचायतों में लगेंगे कांपेक्टर।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। शहरी क्षेत्रों की भांति गांवों को भी प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने की दिशा में उत्तराखंड सरकार सक्रिय हो गई है। इस कड़ी में कोशिश की जा रही है कि सभी 662 न्याय पंचायतों में गांवों से एकत्रित प्लास्टिक-पालीथिन कचरे के मद्देनजर कांपेक्टर लगाए जाएं। इसके लिए ब्लाक और जिला पंचायतों को सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कदम उठाने को कहा गया है। उधर, केंद्र के सहयोग से राज्य के 95 गांवों में कांपेक्टर लगाने के साथ ही हरिद्वार में प्लास्टिक वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट को नए वित्तीय वर्ष में चालू कराने की तैयारी है।

गांवों को प्लास्टिक-पालीथिन कचरे से मुक्त करने के मद्देनजर पंचायतीराज विभाग ने पूर्व में केंद्र को प्रस्ताव भेजा था। इसके तहत केंद्र ने राज्य के प्रत्येक ब्लाक में एक-एक गांव में कांपेक्टर लगाने के साथ ही हरिद्वार में रिसाइक्लिंग प्लांट के निर्माण को वित्त पोषण की मंजूरी दी। योजना के तहत सभी 95 ब्लाकों के गांवों में एकत्रित होने वाले प्लास्टिक-पालीथिन कचरे को हरिद्वार प्लांट में लाया जाएगा। 

प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण गांवों में गठित होने वाले समूह करेंगे, जिनसे प्लांट में चार रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाएगा। प्लांट में इससे दरवाजे, चौखट समेत अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे।सचिव पंचायतीराज एचसी सेमवाल के अनुसार हरिद्वार में प्लास्टिक वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट नए वित्तीय वर्ष में चालू हो जाएगा। साथ ही 95 गांवों में कांपेक्टर की मुहिम शुरू की गई है। 

कांपेक्टर से प्लास्टिक कचरे को कांपेक्ट किया जाएगा, ताकि उसे लाने में आसानी रहे। सचिव सेमवाल ने बताया कि अब ब्लाक व जिला पंचायत पंचायतों को भी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कचरा प्रबंधन की पहल की जानी है। कोशिश ये है कि इनके माध्यम से सभी 662 न्याय पंचायतों में कांपेक्टर लग जाएं।

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