उत्‍तराखंड के सभी जिलों में स्थापित होंगे सामुदायिक रेडियो केंद्र, पढ़ि‍ए पूरी खबर

आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन विभाग अब सभी जिलों में सामुदायिक रेडियो केंद्रों की स्थापना के कार्य में जुट गया है। आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री डा धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने इस सिलसिले में जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 07:35 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 07:35 AM (IST)
उत्‍तराखंड के सभी जिलों में स्थापित होंगे सामुदायिक रेडियो केंद्र, पढ़ि‍ए पूरी खबर
उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन विभाग अब सभी जिलों में सामुदायिक रेडियो केंद्रों की स्थापना के कार्य में जुट गया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन विभाग अब सभी जिलों में सामुदायिक रेडियो केंद्रों की स्थापना के कार्य में जुट गया है। आपदा प्रबंधन राज्यमंत्री डा धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने इस सिलसिले में जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है। विभागीय मंत्री ने कहा कि इन केंद्रों की स्थापना से आपदा के दौरान जनसामान्य तक सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहूलियत मिलेगी। साथ ही आपदा प्रबंधन में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि सामुदायिक रेडियो केंद्रों के संबंध में प्रस्ताव मांगे गए हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत जिलों में स्वायत्त संस्थाओं अथवा गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से सामुदायिक रेडियो केंद्रों की स्थापना की व्यवस्था है। विभागीय हीलाहवाली के कारण यह योजना धरातल पर आकार नहीं ले पा रही थी। हाल में विभागीय मंत्री ने समीक्षा बैठक में इसका संज्ञान लिया था। साथ ही सख्त निर्देश दिए थे। इस क्रम में अब आपदा प्रबंधन विभाग हरकत में आया है। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने आदेश जारी किए हैं।

इसमें सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में इच्छुक गैर सरकारी संस्थाओं और अन्य संगठनों से रेडियो केंद्रों की स्थापना से संबंधित प्रस्ताव चार जून तक प्राधिकरण को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही सरकारी विश्वविद्यालयों और अन्य स्वायत्तशासी संस्थाओं से भी प्रस्ताव मांगे गए हैं आदेश के मुताबिक सामुदायिक रेडियो केंद्र की स्थापना के लिए प्राधिकरण से 10 लाख रुपये और केंद्र के संचालन को तीन साल तक दो-दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

विभागीय मंत्री डा रावत ने कहा कि सरकारी विश्वविद्यालय और अन्य स्वायत्तशासी शिक्षण संस्थान इस कार्य को बेहतर ढंग से कर सकते हैं। इस योजना के परवान चढ़ने पर आपदा प्रबंधन में तो मदद मिलेगी ही कृषि, बागवानी आदि के मद्देनजर किसानों और जनसामान्य तक मौसम की जानकारी पहुंचाने में भी इनका उपयोग किया जा सकेगा।

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