वन गूजरों की समस्याओं के निदान को समिति गठित, इन जिलों के डीएम बतौर सदस्य शामिल
नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में राज्य में रह रहे वन गूजरों की समस्याओं के निराकरण के लिए शासन ने नए सिरे से समिति गठित की है। इसमें समाज कल्याण विभाग के साथ ही देहरादून नैनीताल पौड़ी और ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारियों को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में राज्य में रह रहे वन गूजरों की समस्याओं के निराकरण के लिए शासन ने नए सिरे से समिति गठित की है। इसमें अब समाज कल्याण विभाग के साथ ही देहरादून, नैनीताल, पौड़ी और ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारियों को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया है। प्रमुख सचिव समाज कल्याण की अध्यक्षता वाली यह समिति वन गूजरों के विधिक अधिकार, पुनर्वास, विस्थापन से जुड़ी समस्याओं के समाधान को कदम उठाएगी।
वन गूजरों के कथित उत्पीड़न की शिकायतें अक्सर सुर्खियां बनती हैं। इसे देखते हुए उनकी समस्याओं के निदान को पूर्व में समिति गठित की गई थी, मगर इसमें समाज कल्याण विभाग को शामिल नहीं किया गया था। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पूर्व समिति में गठित समिति को भंग करते हुए नए सिरे से इसका गठन किया गया है। इस संबंध में अपर सचिव वन नेहा वर्मा की ओर से आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
समिति में प्रमुख सचिव समाज कल्याण अध्यक्ष होंगे, जबकि प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, गढ़वाल व कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर के डीएम, भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक द्वारा नामित प्रतिनिधि, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी व ऊधमसिंहनगर के सचिव, विश्व प्रकृति निधि द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
निदेशक राजाजी व कार्बेट टाइगर रिजर्व समिति के सदस्य सचिव होंगे।आदेश के मुताबिक यह समिति वन गूजरों के विरुद्ध की जा रही वैधानिक कार्यवाही पर रोक, विधि विरुद्ध दर्ज मुकदमों की वापसी, वनाधिकार, पूर्व में हुए विस्थापन की विधिक प्रक्रिया पूर्ण कर मुआवजे का वितरण, वनों में निवासरत वन भूमि का राजस्व गांवों में परिवर्तन, गूजरों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जांच से संबंधित विषयों का निराकरण कराएगी। साथ ही नीतिगत प्रकरणों में शासन को सुझाव देगी।
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