ठंड बढ़ते ही परिदों की तीन प्रजातियां और पहुंची आसन

विकासनगर देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व व रामसर साइट आसन वेटलैंड में मेहमान परिंदों का आगमन शुरू हो गया है। फिलहाल तीन प्रजाति के परिंदों और आ गए हैं। अब इनकी संख्या भी लगभग 15 सौ के करीब पहुंच चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 09:24 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 09:24 PM (IST)
ठंड बढ़ते ही परिदों की तीन प्रजातियां और पहुंची आसन
ठंड बढ़ते ही परिदों की तीन प्रजातियां और पहुंची आसन

जागरण संवाददाता, विकासनगर: देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व व रामसर साइट आसन वेटलैंड में प्रवास पर आए विदेशी मेहमान परिदों की प्रजाति संख्या बढ़कर नौ हो गई है। रविवार को हुई बारिश के चलते ठंड बढ़ने पर गैडवाल, यूरेशियन विजन, टफ्ड डक प्रजाति के परिदें भी उत्तराखंड के मेहमान बन गए हैं। इससे पूर्व आसन नमभूमि में रुडी शेलडक, कामन कूट व नार्दन शावलर, कामन पोचार्ड, ग्रे हेरोन, ग्रेट कारमोरेंट प्रवास पर आ चुके थे। नौ प्रजातियों के विदेशी परिदों के कारण वर्तमान में इनकी संख्या करीब 1500 पहुंच चुकी है। झील में परिदों की चहचहाहट बढ़ गई है, जिससे आसन नमभूमि विदेशी और देशी परिदों से भी गुलजार हो रहा है।

विश्व के ठंडे देशों से प्रवासी परिदों का आसन वेटलैंड आने का क्रम तेज हो गया है। प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में प्रवास पर आने वाले देशी और विदेशी मेहमान मार्च के अंतिम सप्ताह तक कंजरवेशन रिजर्व आसन नमभूमि क्षेत्र में प्रवास पर रहते हैं। क्रमवार इनके आने का सिलसिला भी जारी है। मड टापू, टाइफा ग्रास के झुरमुट, पास ही बहती यमुना नदी को पसंद करने वाले प्रवासी परिदें गैडवाल, यूरेशियन विजन, टफ्ड डक भी आ गए हैं। रविवार को भारी बारिश के चलते परिदों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। विदेशी मेहमानों के साथ ही यहां पर लोकल प्रजाति के स्पाट बिल्ड, लिटिल कारमोरेंट, लिटिल इग्रेट, कामन किगफिशर, लैपविग, लिटिल ग्रेब आदि भी डेरा डाले हुए है। प्रवासी परिदों को देखने के लिए पक्षी प्रेमियों व पर्यटकों के आने से जीएमवीएन के आसन रिसोर्ट की आय भी बढ़ने लगी है। आसन रेंजर राजेंद्र हिगवाण व वन दारोगा प्रदीप सक्सेना के अनुसार परिदों की संख्या बढ़कर पंद्रह सौ के करीब हो गई है। रात दिन की गश्त भी तेज कर दी गई है।

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