फलों की नई व रंगीन प्रजातियां उत्पादकों के लिए लाभकारी

विकासनगर फल उत्पादन से जुड़े किसानों को तकनीकी जानकारी देने के लिए ढकरानी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 04:34 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 04:34 AM (IST)
फलों की नई व रंगीन प्रजातियां उत्पादकों के लिए लाभकारी
फलों की नई व रंगीन प्रजातियां उत्पादकों के लिए लाभकारी

संवाद सहयोगी, विकासनगर: फल उत्पादन से जुड़े किसानों को तकनीकी जानकारी देने के लिए ढकरानी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। शिविर में जीबी पंत कृषि और प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डा. अजीत सिंह नैन ने कहा कि फलों के उत्पादन को लाभप्रद बनाने के लिए नई और रंगीन प्रजातियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नवीनतम तकनीक के प्रयोग से फल उत्पादन से अच्छा मुनाफा किसान कमा सकतें हैं।

अखिल भारतीय समन्वित फल शोध परियोजना पंतनगर की ओर से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में फल उत्पादकों को आम, लीची और अमरूद के उत्पादन के लिए नई तकनीक और नई प्रजातियों पर काम करने के लिए कहा गया। फलों में कम उत्पादन के कारणों व उनके निराकरण के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र और जीबी पंत विश्वविद्यालय की ओर से विकसित की गई तकनीक को अंगीकृत करने की बात भी कही। शोध निदेशक डा. अजीत सिंह नैन ने लीची में अधिक उत्पादन के लिए गार्डिंग तकनीक को उपयोगी बताया। शिविर में आम की दशहरी 51, मल्लिका, अरुणिका जैसी रंगीन प्रजातियों को आर्थिक लाभ की ²ष्टि से उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि फलों के उत्पादन को अब पारंपरिक तौर तरीकों से करने के बजाए बाजार की मांग के हिसाब से लिया जाना चाहिए, तभी किसानों को फल उत्पादन से लाभ मिलेगा। इस दौरान केंद्र के पशुपोषण विज्ञानी डा. एके सिंह ने आम और लीची के पुराने बगीचों के जीर्णाेद्धार के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग, कीट, रोग प्रबंधन तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा विज्ञानी डा. सतीश चंद्र शर्मा ने लीची की डमडम प्रजाति में फल न आने और फल फटने के कारण और उसके उपचार के बारे में बताया। इस दौरान फल उत्पादक सुषमा जुयाल ने निर्यात होने वाली फलों की प्रजातियों और इसकी प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। इससे पूर्व केंद्र के प्रभारी अधिकारी डा. एके शर्मा, डा. एके सिंह, डा. संजय कुमार समेत सभी कृषि विज्ञानियों ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रशिक्षण में निर्मल कुमार, दिनेश पंवार, आशीष जैन, अभय जुयाल, शूरवीर सिंह, दिनेश कुमार गौड, भूपेन्द्र चौधरी, मोहम्मद फारूख, डीएन. अंसारी, सुभाष चन्द्र, हिमाशु बंसल उपस्थित रहे।

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