25 हजार लेकर कर्नल को सुरक्षा गार्ड की नौकरी, शासन ने जांच बिठाई, दस दिन के भीतर रिपोर्ट तलब

Uttarakhand Politics आप वरिष्ठ नेता कर्नल (सेनि) अजय कोठियाल ने नौकरी के नाम पर डोनेशन का धंधा खोलने का आरोप लगाया। इस दौरान वह हाथ में लंच बाक्‍स लेकर सचिवालय पहुंचे। उन्‍होंने बताया कि सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिली है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 12:27 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 09:14 PM (IST)
25 हजार लेकर कर्नल को सुरक्षा गार्ड की नौकरी, शासन ने जांच बिठाई, दस दिन के भीतर रिपोर्ट तलब
हाथ में लंच बाक्स लेकर सचिवालय में नौकरी ज्‍वाइन करने पहुंचे कर्नल अजय कोठियाल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Politics महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में सुरक्षा गार्ड के पद पर नियुक्ति के नाम पर विभाग के स्तर से अधिकृत आउटसोर्स एजेंसी में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। 8475 रुपये मासिक वेतन की नौकरी के लिए एजेंसी 25 हजार रुपये लेकर नियुक्ति पत्र जारी कर रही है। यह रकम आउटसोर्स एजेंसी अपने बैंक खाते में जमा करा रही है। एजेंसी ने इस कड़ी में आम आदमी पार्टी (आप) नेता रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल को सुरक्षा गार्ड पद पर नियुक्ति पत्र जारी किया है। मामला संज्ञान में आने पर बाल विकास विभाग की मंत्री रेखा आर्य और सचिव एचसी सेमवाल ने जांच के आदेश दिए हैं। निदेशालय से दस दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की गई है।

रिटायर्ड कर्नल कोठियाल को आप ने उत्तराखंड में अपना सीएम का चेहरा घोषित किया हुआ है। उन्होंने बाल विकास विभाग में सुरक्षा गार्ड पद के लिए विगत छह अगस्त को ए स्क्वायर नामक आउटसोर्स एजेंसी को अपना आवेदन जमा करवाया। आवेदन के साथ उन्होंने शैक्षिक योग्यता के प्रमाण के तौर पर 12वीं की अंकतालिका के साथ ही शस्त्र लाइसेंस की प्रति लगाई थी।

आवेदन पत्र पर उनकी सैन्य वर्दी वाली फोटो चस्पा की गई थी। आउटसोर्स एजेंसी ने उसी दिन अजय कोठियाल से 25 हजार रुपये श्रीमती निर्मला सिंह सेवा समिति के खाते में जमा करवा लिए। यह राशि उन्होंने गूगल-पे के माध्यम से ट्रांसफर की। हालांकि, इस भुगतान के बदले उन्हें कोई रसीद नहीं दी गई। इसके कुछ देर बाद एजेंसी ने अजय कोठियाल को सुरक्षा गार्ड पद का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया।

मंगलवार को मामला तब खुला जब वह इस नियुक्ति पत्र को लेकर सचिवालय में बाल विकास विभाग के अपर सचिव वीके मिश्रा के पास पहुंचे। आला अधिकारियों तक मामला पहुंचने पर सचिव एचसी सेमवाल ने तत्काल जांच के आदेश कर दिए। इधर, आउट सोर्स एजेंसी के संचालक अजय प्रताप सिंह का कहना है कि नियुक्ति के नाम पर घूस नहीं ली गई है। 25 हजार रुपये जमानत (सिक्योरिटी) के रूप में लिए गए हैं।

चर्चाओं में रहा एजेंसी का चयन

पिछले साल इसी एजेंसी के चयन को लेकर विभागीय मंत्री रेखा आर्य और तत्कालीन विभागीय सचिव वी षणमुगम में मतभेद भी सामने आए थे।

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