सह प्रभारी धर्माणी ने पढ़ाया अनुशासन का पाठ
प्रदेश में पहले निकाय और फिर लोकसभा चुनाव में दमदार प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस सचेत हो गई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में पहले निकाय और फिर लोकसभा चुनाव में दमदार प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस सचेत हो गई है। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर प्रदेश प्रभारी के बाद अब नए सह प्रभारी राजेश धर्माणी ने उत्तराखंड का रुख किया। इस मौके पर धर्माणी ने कहा कि प्रदेश में पार्टी के भीतर अनुशासन और एकजुटता पर नजदीकी नजर रखी जा रही है। अनावश्यक बयानबाजी व अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाया जाएगा। मुख्य संगठन के साथ ही युवा, महिला समेत तमाम फ्रंटल संगठनों का समन्वय और बेहतर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के मुकाबले को पार्टी कार्यकर्ताओं को आक्रामक होना पड़ेगा। कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी बनने के बाद राजेश धर्माणी पहली बार राजधानी दून स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने प्रदेश पदाधिकारियों, शहर व जिलाध्यक्षों के साथ तकरीबन ढाई घंटा बैठक की। बैठक में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि पार्टी को कमजोर करने की कोशिश पर सख्त रुख अपनाया जाएगा। एकदूसरे के खिलाफ बयानबाजी पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने जिलाध्यक्षों को केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ निरंतर सक्रिय रहने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वह कार्यकर्ताओं से संवाद कायम करने को जिलेवार बैठक भी करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलकर संसद और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, देहरादून महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, हल्द्वानी महानगर अध्यक्ष राहुल छिमवाल, नैनीताल जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, काशीपुर महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल, पछवादून जिलाध्यक्ष संजय किशोर, परवादून अध्यक्ष गौरव चौधरी, पिथौरागढ़ जिलाध्यक्ष त्रिलोक सिंह महर समेत तमाम जिला व शहर अध्यक्ष मौजूद थे। इनसेट- प्रीतम सिंह ने सीएम को लिखा पत्र देहरादून: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दामों में लगातार वृद्धि को कम करने के लिए वैट घटाने की मांग की है। पत्र में उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थो की कीमत बढ़ने से खाद्य पदार्थो की कीमतें भी बढ़ी हैं। इस वजह से पंजाब, राजस्थान समेत कई राज्य सरकारों ने पेट्रोलियम पदार्थो पर वैट कम किया है। जन हित में उत्तराखंड में भी वैट को कम कर महंगाई से राहत दिलाने का कदम उठाया जाना चाहिए।