मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बोले- तय से अधिक शुल्क लेने और कालाबाजारी करने वालों पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अस्पतालों में तय से अधिक शुल्क लेने और दवाओं की कालाबाजारी पर सख्त रुख अपनाया है। कहा कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए बनाए गए फ्लाइंग स्क्वाड को समय-समय पर अस्पतालों और दवा की दुकानों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अस्पतालों में तय से अधिक शुल्क लेने और दवाओं की कालाबाजारी पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए बनाए गए फ्लाइंग स्क्वाड को समय-समय पर अस्पतालों और दवा की दुकानों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने हिदायत दी कि संक्रमितों को आवश्यक इलाज देने में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।
शनिवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पर्वतीय जिलों में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने को जमीनी कार्यवाही का मुआयना किया तो इसके बाद शाम को सचिवालय में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना संबंधित सारे आंकड़ों को वास्तविक समय के अनुसार दर्ज किया जाए। आक्सीजन का सही तरीके से इस्तेमाल हो, इसका नियमित आडिट किया जाए। ब्लैक फंगस के इलाज को जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि संक्रमितों को दवाओं की किट की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित की जाए। कोरोना के इलाज में लगे अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं को भी पूरा सहयोग दिया जाए। हर जिले में आइसीयू ठीक किए जाएं। सीटी स्कैन समेत अन्य उपकरणों को चलाने वाले तकनीकी विशेषज्ञों की तैनाती हो। टीकाकरण के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए। सभी टीकाकरण केंद्रों में कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का अनुपालन कराया जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। इसके लिए अभी से पुख्ता तैयारी करनी है। बच्चों को लेकर विशेष फोकस करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना को पर्वतीय क्षेत्रों में फैलने से रोकना होगा। इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि नागरिक उड्डयन विभाग 15 जून से 30 सितंबर तक चिन्यालीसौड़ व पिथौरागढ़ में एक-एक हेलीकाप्टर उपलब्ध रखें ताकि बरसात में रास्ते बंद होने की स्थिति में गंभीर मरीजों व आक्सीजन आदि को एयरलिफ्ट किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को आक्सीजन सप्लाई मैनेजमेंट पर भी प्लान बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा बनाए जा रहे अस्थायी अस्पताल में कुछ बेड बच्चों के अनुरूप ही रखे जाएं। बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, डा. पंकज कुमार पांडेय के अलावा शासन के वरिष्ठ अधिकारी व वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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