नमामि गंगे परियोजना के तहत उत्तराखंड में 21 में से 10 प्रोजेक्ट पूरे

नमामि गंगे परियोजना के तहत अब तक 21 में से 10 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं। शेष पर कार्य चल रहा है। परियोजना में 34 एसटीपी में से 21 का कार्य पूरा हो गया है।

By Edited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 09:38 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 02:27 PM (IST)
नमामि गंगे परियोजना के तहत उत्तराखंड में 21 में से 10 प्रोजेक्ट पूरे
नमामि गंगे परियोजना के तहत उत्तराखंड में 21 में से 10 प्रोजेक्ट पूरे

देहरादून, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता के लिए राज्य में चल रही नमामि गंगे परियोजना के तहत अब तक 21 में से 10 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं। शेष पर कार्य चल रहा है। परियोजना में 34 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में से 21 का कार्य पूरा हो गया है। सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को यह जानकारी दी गई। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नमामि गंगे के अवशेष कार्यों को पूर्ण कराने में तेजी लाई जाए।

मुख्यमंत्री रावत ने बैठक में कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक से संबंधित राज्य से जुड़े विषयों के बारे में अधिकारियों से चर्चा की। इस मौके पर उन्हें बताया गया कि जगजीतपुर, सराय और ऋषिकेश के एसटीपी से 1017 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। गंगा के किनारे बसे 15 शहरों से रोजाना औसतन 371 मीट्रिक टन कूड़े का उठान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नमामि गंगे में चल रहे अवशेष कार्यों में तेजी लाने के साथ ही गंगा व उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने नालों की टैपिंग की समुचित व्यवस्था करने, गंगा किनारे पौधारोपण में औषधीय महत्व की प्रजातियों के रोपण को प्राथमिकता देने, गंगा किनारे अतिक्रमण वाले स्थान चिह्नित करने के निर्देश दिए। साथ ही जगजीतपुर, सराय व ऋषिकेश के एसटीपी से सिंचित होने वाली भूमि का पूरा आकलन कराने के लिए भी निर्देशित किया।

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उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड के लिए व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव डॉ.भूपिंदर कौर औलख, अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव उदयराज सिंह, आलोक शेखर तिवारी समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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