उत्तराखंड कर्मकार बोर्ड विवाद पर सीएम कार्यालय सक्रिय, जल्द हो सकता है फैसला; अध्यक्ष-श्रम मंत्री के बीच छिड़ी है रार

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत के मध्य छिड़ी रार का अब जल्द पटाक्षेप हो सकता है। इसे लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय सक्रिय हो गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:05 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:05 PM (IST)
उत्तराखंड कर्मकार बोर्ड विवाद पर सीएम कार्यालय सक्रिय, जल्द हो सकता है फैसला; अध्यक्ष-श्रम मंत्री के बीच छिड़ी है रार
उत्तराखंड कर्मकार बोर्ड विवाद पर सीएम कार्यालय सक्रिय।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत के मध्य छिड़ी रार का अब जल्द पटाक्षेप हो सकता है। इसे लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय सक्रिय हो गया है। सूत्रों के अनुसार मसले के समाधान के मद्देनजर मुख्यमंत्री कार्यालय ने आला अधिकारियों से जानकारी ली है। ऐसा रास्ता निकालने की तैयारी है, जिससे विवाद खत्म होने के साथ ही दोनों पक्ष संतुष्ट भी हो जाएं। इसके लिए कई विकल्पों पर विचार चल रहा है।

कर्मकार कल्याण बोर्ड में उपजे विवाद के कारण सरकार और पार्टी संगठन, दोनों को ही असहज होना पड़ रहा है। हाल में ही बोर्ड के अध्यक्ष सत्याल और श्रम मंत्री रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अलग-अलग मुलाकात की थी। श्रम मंत्री जहां सत्याल को हटाने की मांग पर अड़े हैं, वहीं सत्याल बोर्ड की मौजूदा सचिव को हटाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही वह बोर्ड में श्रम मंत्री का हस्तक्षेप नहीं चाहते। इसे लेकर दोनों के मध्य पिछले साल अक्टूबर से जुबानी जंग छिड़ी है। एक रोज पहले श्रम मंत्री हरक सिंह ने यह तक कह दिया था कि यदि सत्याल ज्यादा काबिल हैं तो उन्हें ही श्रम मंत्री बना दिया जाए।

सूत्रों के अनुसार इस विवाद के समाधान के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने आला अधिकारियों से पूरे प्रकरण और श्रम अधिनियम में तय प्रविधानों की जानकारी ली। सूत्रों ने बताया कि बोर्ड के अध्यक्ष व सचिव, दोनों को हटाने, बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष को किसी अन्य बोर्ड में जिम्मेदारी सौंपने, बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी आइएएस को सौंपने समेत कई विकल्पों पर मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय की सक्रियता को देखते हुए माना जा रहा है कि अब जल्द ही यह विवाद खत्म हो जाएगा।

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