देहरादून में डीबीएस कॉलेज के प्रांगण में चलाया गया स्वच्छता अभियान
बुधवार को डीबीएस महाविद्यालय में स्वच्छ एक्शन प्लान के तहत पांच दिवसीय कार्यक्रमो का संचालन किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में आज बुधवार को द्वितीय दिवस पर समस्त स्वयंसेवकों द्वारा कॉलेज प्रांगण में सफाई कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। डीबीएस महाविद्यालय में स्वच्छ एक्शन प्लान के तहत पांच दिवसीय कार्यक्रमो का संचालन किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में आज द्वितीय दिवस पर समस्त स्वयंसेवकों द्वारा कॉलेज प्रांगण में सफाई कार्यक्रम आयोजित किया गया तथा जिसमें सभी स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। साथ ही संपूर्ण महाविद्यालय को साफ किया। महाविद्यालय परिसर में कूड़ा तथा सूखे पत्ते हटाकर झाड़ू लगाई तथा अन्य छात्रों को भी संस्था के प्रति जागरूक किया।
आज के कार्यक्रम का संचालन डीबीएस पीजी महाविद्यालय के प्राचार्य तथा राष्ट्रीय सेवा योजना की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिवानी पटनायक के निर्देशन में किया गया। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ आराधना शर्मा, डॉ विद्युत बोस भी कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे। डीबीएस पीजी महाविद्यालय के एनएसएस की तीनों इकाइयों के कमांडर सिमरन दिवाकर, हरशल, कृतिका जोशी सहित जोया अंजुम, प्रिया पुरोहित, शिवानी, श्वेता, स्वाति, सेवंतिका, अमिशा भंडारी आदि स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। तथा सभी ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला निम्न प्रकार से हैं:-
23 फरवरी प्रथम दिवस: डीबीएस (पीजी) कॉलेज में आए हुए मुख्य अतिथि द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का उद्घाटन तथा व्याख्यान एवं सभी स्वयंसेवकों की ओर से इस विषय से संबंधित कविता तथा स्लोगन के द्वारा अपने विचार प्रकट करना। 24 फरवरी द्वितीय दिवस : सभी स्वयंसेवकों द्वारा महाविद्यालय के प्रांगण की स्वच्छता एवं स्वच्छ भारत अभियान संबंधी शपथ ग्रहण करना। 25 फरवरी-तृतीय दिवस: स्वच्छता संबंधित डोर टू डोर प्रचार एवं गहन सफाई अभियान (जागरूकता) 26 फरवरी चतुर्थ दिवस: स्वच्छता से संबंधित महाविद्यालय से रैली का आयोजन। 27 फरवरी- पंचम दिवस: महाविद्यालय परिसर में ही स्वच्छ भारत अभियान से संबंधित पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन एवं प्राचार्य तथा राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारियों के द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, गतिविधियों का समापन तथा सभी स्वयंसेवकों को पुरस्कार तथा प्रमाणपत्र प्रदान करना।यह भी पढ़ें-दून विवि की कुलपति सुरेखा डंगवाल बोलीं, मातृभाषा से ही होती है व्यक्ति की पहचान
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