बेहतर स्वास्थ के लिए साफ पानी जरूरी : गंभीर
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के हिमालयन इंस्टीट्यूट हास्पिटल ट्रस्ट (एचआइएचटी) के तत्वावधान में आयोजित पब्लिक हेल्थ इंजीनियर प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त आइएफएस गंभीर सिंह ने कहा कि पेयजल से मानव का अस्तित्व शुरू होता है।
संवाद सहयोगी, डोईवाला :
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के हिमालयन इंस्टीट्यूट हास्पिटल ट्रस्ट (एचआइएचटी)
के तत्वावधान में आयोजित पब्लिक हेल्थ इंजीनियर प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त आइएफएस गंभीर सिंह ने कहा कि पेयजल से मानव का अस्तित्व शुरू होता है। बिना स्वच्छ पेयजल एक स्वस्थ देश व समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। ह्यूमन इंडेक्स में स्वास्थ्य सबसे ऊपर है और इसमें भी जल पहले है।
विवि के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सेवानिवृत्त आइएफएस गंभीर सिंह ने प्रतिभागी इंजीनियरों को बताया कि अन्य विकसित देशों की अपेक्षा हम और अधिक स्वच्छ जल के मानकों की पूर्ति करने में काफी पीछे है। उन्होंने कहा कि 85 प्रतिशत बीमारी पानी की अशुद्धि से होती है। उतराखंड एक पहाड़ी प्रदेश है। पहाडों में पानी की उपलब्धता तो है लेकिन बह कर नीचे आ जाता है। जिसके और अधिक इनोवेटिव टेक्नोलाजी के माध्यम से पानी को पहाड़ में ही स्टोर करने पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने इजरायल देश का उदाहरण देते हुए कहा कि इजरायल एक ऐसा देश है जहां बारिश बहुत कम होती है। पानी की कमी है। फिर भी उन्होंने इनोवेटिव टेक्नालाजी की इस्तेमाल कर अपनी जरूरत के हिसाब के हर तरह की फसल का उत्पादन किया जा रहा है। प्रशिक्षक एचपी उनियाल ने प्रतिभागियों से कहा कि वह खुद से व जन सहभागिता के माध्यम से कुछ नया करने का प्रयास करें। साथ ही यहां प्रशिक्षण कार्यक्रम में जो भी सीखें उसे धरातल पर क्रियान्वित करें। एचआइएचटी में वाटर एंड सैनिटेशन (वाटसन) विभाग के इंचार्ज नितेश कौशिक ने बताया की प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को 'हर घर जल' योजना के तहत नियोजन, संचालन व रखरखाव की बारीकी से जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम का संचालन विवेक आनंद ने किया।