देहरादून: सिटी बस संचालक आरटीओ में खड़ी करेंगे अपनी सभी बसें, जानिए वजह

विक्रम और ई-रिक्शा के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए सिटी बस संचालकों ने अपनी बसों को आरटीओ में खड़ा कर हड़ताल की चेतावनी दे दी है। सिटी बस सेवा महासंघ की ओर से विक्रमों को शहर के बाहर संचालित करने एवं उनमें फुटकर सवारी बैठाने पर रोक लगाने की माग की।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 02:31 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 02:31 PM (IST)
देहरादून: सिटी बस संचालक आरटीओ में खड़ी करेंगे अपनी सभी बसें, जानिए वजह
सिटी बस संचालक आरटीओ में खड़ी करेंगे अपनी सभी बसें, जानिए वजह।

जागरण संवाददाता, देहरादून। विक्रम और ई-रिक्शा के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए सिटी बस संचालकों ने अपनी बसों को आरटीओ में खड़ा कर हड़ताल की चेतावनी दे दी है। सिटी बस सेवा महासंघ की ओर से विक्रमों को शहर के बाहर संचालित करने एवं उनमें फुटकर सवारी बैठाने पर रोक लगाने, जबकि ई-रिक्शा को मुख्य सड़कों से हटाकर शहर के भीतरी मार्गों पर संचालित करने की मांग की है। ऐसा न होने पर सोमवार दो अगस्त को अपनी बसों के परमिट सरेंडर करने और बेमियादी हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।

शहर में सिटी बस और विक्रम संचालकों के बीच वर्षों से चला आ रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। चार साल पहले जुलाई 2017 में भी सिटी बस संचालकों ने विक्रम को शहर से बाहर करने की मांग पर बेमियादी हड़ताल की थी। उस दौरान स्टेज कैरिज के प्राइवेट बस आपरेटर भी हड़ताल में शामिल हुए थे व जिले में बस संचालन ठप कर दिया गया था। तब शहर में रोडवेज बसों का संचालन करना पड़ा था।

छह दिन बाद परिवहन विभाग के अफसरों ने विक्रम के फुटकर सवारी उठाने पर रोक लगाने का भरोसा दिया था तब हड़ताल खत्म हुई थी। अब यह मामला फिर गरमा गया है। दून सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल की ओर से विक्रम व ई-रिक्शा के अवैध संचालन पर लगाम लगाने की मांग को लेकर आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई को हड़ताल का नोटिस दे दिया गया।

मंगलवार को दिए नोटिस में महासंघ ने शहर में स्मार्ट सिटी के तहत चलाई गई स्मार्ट बसों का किराया सिटी बस के समान होने पर भी ऐतराज जताया है। महासंघ का आरोप है कि विक्रम, ई-रिक्शा और स्मार्ट बसों की वजह से सिटी बसों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया है और संचालकों को लाखों का नुकसान हो रहा। बस संचालकों ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री समेत परिवहन आयुक्त को भी ज्ञापन भेजा है। महासंघ के अनुसार सरकार ने कोविड काल में भी बस संचालकों को कोई राहत नहीं दी।

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