पांच किमी दूर से खच्चरों से पानी ढो रहे मंजियाड़ी के ग्रामीण

नरेंद्रनगर ब्लॉक में दोगी पट्टी के मंजियाड़ी गांव के नागरिक इन दिनों बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हैं। जल संस्थान की लापरवाही के चलते ग्रामीण अपनी दैनिक जरूरत का पानी भी पांच किलोमीटर दूर दूसरे गांव से खच्चरों में ढोने को विवश हैं। विभागीय अधिकारियों के रुख से नाराज ग्रामीण अब आंदोलन को विवश हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 07:38 AM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 07:38 AM (IST)
पांच किमी दूर से खच्चरों से पानी ढो रहे मंजियाड़ी के ग्रामीण
पांच किमी दूर से खच्चरों से पानी ढो रहे मंजियाड़ी के ग्रामीण

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :

नरेंद्रनगर ब्लॉक में दोगी पट्टी के मंजियाड़ी गांव के नागरिक इन दिनों बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हैं। जल संस्थान की लापरवाही के चलते ग्रामीण अपनी दैनिक जरूरत का पानी भी पांच किलोमीटर दूर दूसरे गांव से खच्चरों में ढोने को विवश हैं। विभागीय अधिकारियों के रुख से नाराज ग्रामीण अब आंदोलन को विवश हो रहे हैं।

मंजियाड़ी ग्राम पंचायत में वर्तमान में करीब नौ सौ की आबादी निवासरत है। मगर, पिछले दो माह से पेयजल किल्लत की समस्या सये ग्रामीण परेशान हैं। दरअसल यहां खलधार, तिमली, मंजियाड़ी होते हुए मठियाली गांव के लिए सड़क निर्माण कार्य जारी है। कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग इस सड़क का निर्माण करा रहा है। मंजियाड़ी ग्राम पंचायत में जहां से होकर यह सड़क गुजर रही है, उसके ठीक नीचे मंजियाड़ी गांव का नौडूपांणी पेयजल स्त्रोत है। सड़क कटिग के मलबे से यह स्त्रोत पूरी तरह से दब गया है। यहां से गांव तक आने वाली करीब एक किमी लंबी पेयजल लाइन भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। पिछले दो माह से मंजियाड़ी के अलावा खंड गांव, मत्थी बहेड़ी व बिल्ली बहेड़ी में पेयजल संकट गहरा गया है। नलों के हलक सूखे होने के कारण ग्रामीणों को पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज बना दिया है। ग्रामीणों को पानी के लिए गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित मठियाली गांव जाना पड़ रहा है। यहां से दैनिक जरूरत के लिए पानी लाना किसी चुनौती से कम नहीं है। लिहाजा ग्रामीण अपने खर्च पर खच्चरों से पानी का ढुलान करा रहे हैं।

-------------

नजदीकी जलस्त्रोत पर रात दस बजे लग रही लाइन

एक छोटा जल स्त्रोत भी गांव से कुछ दूरी पर स्थित है, मगर इस पर पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं है। इस स्त्रोत पर तड़के चार बजे से और रात को दस बजे ग्रामीणों की लाइन लगी रहती है। बीच में जंगली रास्ते होने के कारण ग्रामीणों को जानमाल का खतरा भी बना हुआ है। ग्राम प्रधान राजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि ग्रामीणों को अपनी जरूरत के पानी का बंदोबस्त करने में ही पूरा दिन बीत जाता है। जिससे खेतीबाड़ी व अन्य काम भी नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि विभाग जल्द समस्या का समाधान नहीं करता तो ग्रामीण आंदोलन को विवश होंगे।

---------

सड़क कटिग के चलते पेयजल स्त्रोत पूरे तरह से दब गया है, जिससे गांव में पिछले दो माह से पेयजल की समस्या बनी हुई है। लोक निर्माण विभाग का कहना है कि वह पेयजल के लिए जल संस्थान को 14 लाख रुपए का भुगतान कर चुके हैं। जबकि जल संस्थान के अधिकारी बहानेबाजी करते हुए समस्या को नजरअंदाज करने में जुटे हैं। लगातार पांच किमी दूर से पानी का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों के साथ कोई अनहोनी भी हो सकती है।

- राजेंद्र सिंह रावत, प्रधान, ग्राम पंचायत मंजियाड़ी

-------------

उपनल कर्मचारियों की हड़ताल के कारण पेयजल लाइन को दुरुस्त करने में समय लग रहा है। मगर, समस्या की गंभीरता को देखते हुए गांव में टीम भेजी गई है। जल्द ही मंजियाड़ी गांव में पानी की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।

- विजय सिंह, अवर अभियंता, जल संस्थान, देवप्रयाग

chat bot
आपका साथी