CISCE Board Result: रिजल्ट के जश्न पर भी दिखा कोरोना का असर, स्कूलों में नहीं रहा उत्सव वाला माहौल
CISCE Board Result कोरोना के साये में सीआइएससीई ने 10वीं और 12वीं का रिजल्ट तो जारी कर दिया मगर इस महामारी का असर परिणाम के जश्न पर साफ नजर आया। इस बार रिजल्ट जारी होने पर स्कूलों में उत्सव वाला माहौल नहीं दिखाई दिया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। CISCE Board Result कोरोना के साये में सीआइएससीई ने 10वीं और 12वीं का रिजल्ट तो जारी कर दिया, मगर इस महामारी का असर परिणाम के जश्न पर साफ नजर आया। इस बार रिजल्ट जारी होने पर स्कूलों में उत्सव वाला माहौल नहीं दिखाई दिया। वजह यह कि कोरोना के चलते स्कूल प्रशासन ने छात्र-छात्रओं को आने से मना कर दिया था। इसके अलावा सालभर पढ़ाई करने के बाद परिणाम पिछली कक्षाओं के प्रदर्शन के आधार पर जारी होने से छात्रों में भी परिणाम के प्रति उत्साह कम रहा।
शिक्षा का हब कहे जाने वाले देहरादून में बोर्ड परीक्षा का परिणाम आने पर माहौल देखते बनता है। रिजल्ट वाले दिन को स्कूलों में बच्चों के ग्रुप किसी त्योहार की तरह मनाते थे। परिणाम घोषित होने के बाद एक-दूसरे से परिणाम पूछना, गले लग कर बधाई देना, मिठाई खिलाने का सिलसिला शुरू हो जाता था। मगर, कोरोना के कारण दो वर्ष से हालात बदले हुए हैं। फिलहाल स्कूलों में सिर्फ शिक्षक पहुंच रहे हैं, वो भी सीमित संख्या में। रिजल्ट वाले दिन दून के जिन प्रतिष्ठित स्कूलों में त्योहार जैसा माहौल रहता था, शनिवार को वहां सन्नाटा पसरा रहा। कई स्कूल तो खुले तक नहीं। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर परिणाम देखने के बाद बच्चों ने घर पर ही अपने अभिभावकों के साथ जश्न मनाया।
सफलता मिली, मगर खुशी नहीं
कोरोना की दस्तक से पहले 10वीं और 12वीं के रिजल्ट वाले दिन छात्रों के चेहरे पर जैसी खुशी झलकती थी, वह इस दफा नहीं दिखाई दी। इसकी वजह यह रही कि छात्र पिछली कक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर उत्तीर्ण तो हो गए, मगर परीक्षा नहीं होने से उनकी सालभर की मेहनत बेमायने हो गई। कारमन स्कूल की 10वीं की होनहार छात्र अवनी का कहना है कि इस बार सभी को पिछले दो वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए गए। ऐसे में जिस छात्र ने पिछले दो वर्ष में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण इस वर्ष अधिक मेहनत की होगी, उसे निश्चित रूप से मायूसी हाथ लगेगी।
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