सीआइआइ ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई, जानिए क्या बोले पदाधिकारी
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। देश के सबसे बड़े औद्योगिक संगठन ने उद्योगपतियों उद्योगों में कार्यरत कामगार व अन्य कर्मचारियों को कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करने को कहा। सीआइआइ उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष अभिमन्यु मुंजाल ने शुक्रवार को बयान जारी किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। देश के सबसे बड़े औद्योगिक संगठन ने उद्योगपतियों, उद्योगों में कार्यरत कामगार व अन्य कर्मचारियों को कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करने को कहा। सीआइआइ उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष अभिमन्यु मुंजाल ने शुक्रवार को सीआइआइ उत्तराखंड राज्य परिषद के माध्यम से बयान जारी किया।
कहा कि सीआइआइ ने कोरोना संक्रमण के बड़े पैमाने पर फैलने के नियंत्रण को पांच सूत्री एजेंडा जारी किया है। जिसके तहत किसी बैठक में 10 से अधिक जनों की शामिल होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उद्योगों को घर से काम को प्रोत्साहित करना चाहिए। उद्योगों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। महानगरों में ट्रेन व बसों सहित सभी सार्वजनिक परिवहन को एक तिहाई बैठने की क्षमता पर चलाना चाहिए। टीकाकरण को सभी आयु वर्ग के लिए खोला जाना चाहिए। टीकाकरण केंद्रों पर अधिक समय तक स्टाफ उपलब्ध कराया जाना चाहिए। कहा कि सीआइआइ के देशभर में राज्य व जोनल कार्यालयों और नौ उत्कृष्टता केंद्रों (सीओइएस) के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से अर्थव्यवस्था और देश पर कोविड-19 के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए व्यापक रूप से काम किया है।
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उद्यमी लॉकडाउन के पक्ष में नहीं
अभिमन्यु मुंजाल ने कहा कि सीआइआइ राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य करता है। पूरी तरह से लॉकडाउन नहीं होना चाहिए। क्योंकि आर्थिक तरक्की के लिए उद्योगों का पहिया चलता रहना चाहिए। कहा कि सीआइआइ भारत में टीकाकरण अभियान का पूरक हो सकता है, क्योंकि हमारी कुछ सदस्य कंपनियों ने पहले ही अपने कर्मचारियों व उनके परिवारों के लिए चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया है। हमारी सदस्य कंपनियों में कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य देश की आबादी का पांच से छह फीसद है। टीकाकरण सभी आयु वर्ग के लिए खुला होना चाहिए और अधिक समय के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए। अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र भी आगे आया है जो स्वागत योग्य है।
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