ये बीमारी है दुनिया में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण, इन बातों को न करें अनदेखा

क्रोनिक ऑब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिसीज दुनिया में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। इस बीमारी को लेकर एम्स ने लोगों को जागरूक किया।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 05:08 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 08:18 PM (IST)
ये बीमारी है दुनिया में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण, इन बातों को न करें अनदेखा
ये बीमारी है दुनिया में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण, इन बातों को न करें अनदेखा

देहरादून, जेएनएन। दिल की बीमारी और कैंसर के बाद क्रोनिक ऑब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी) दुनिया में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। भारत के पुरुषों में इस बीमारी की दर तीने से आठ फीसद और महिलाओं में 4.5 फीसद है। इस बीमारी की गंभीरता को समझते हुए मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने लोगों को जागरूक किया। 

कनक चौक स्थित एक होटल में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में फेफड़ों की बीमारी के कारण और इलाज से जुड़ी जानकारी दी गई। अस्पताल के पल्मोनोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. वैभव चाचरा ने कहा कि शुरुआती दौर में खांसी और सांस संबंधी दिक्कत भी सीओपीडी के लक्षणों में से एक हैं। इसलिए इस तरह के लक्षणों को अनदेखा न करें। धूमपान इसका बड़ा कारण है। 

डॉ. श्रद्धा सोनी ने बताया कि युवाओं में आजकल अलग-अलग प्रकार के धूमपान का प्रचलन बढ़ रहा है। इससे फेफड़ों में सूजन आने से ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ने की क्षमता कम हो जाती है। कहा कि शहरों में बढ़ता प्रदूषण दिल और फेफड़ों के लिए घातक बनता जा रहा है। 

एमएस डॉ. राहुल प्रसाद ने रोजमर्रा की आदतों में बदलाव लाकर सेहतमंद दिनचर्या को अपनाने पर जोर दिया। कहा कि सीओपीडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं से फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है। 

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