उपचार मिले तो जड़ से समाप्त हो सकता है बच्चों का कैंसर

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर जनजागरूकता कार्यक्रम में बच्चों व उनके तीमारदारों को बाल कैंसर को लेकर जागरूक किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 07:25 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 07:25 PM (IST)
उपचार मिले तो जड़ से समाप्त हो सकता है बच्चों का कैंसर
उपचार मिले तो जड़ से समाप्त हो सकता है बच्चों का कैंसर

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर जनजागरूकता कार्यक्रम में बच्चों व उनके तीमारदारों को बाल कैंसर को लेकर जागरूक किया गया।

मंगलवार को एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि कैंसर न सिर्फ वयस्क में बल्कि बच्चों को भी ग्रसित कर सकता है। उन्होंने बताया कि यदि समय पर कैंसर की जांच कराई जाए तो इसे जड़ से समाप्त किया जा सकता है। लिहाजा बच्चों के कैंसर को लेकर अभिभावकों को जागरूक होना होगा। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश में बाल कैंसर निवारण को लेकर कैंसर ओपीडी सुविधा, रेडियो थेरेपी, कीमो थेरेपी आदि सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। बाल शल्य चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. सत्यश्री ने बताया कि कैंसर ग्रसित मरीज के लिए समय पर अस्पताल में अपनी जांच करानी जरूरी होती है, तभी कैंसर जैसी घातक बीमारी का समय पता लगाया जा सकता है और उपचार शुरू किया जा सकता है।

मेडिकल ओंकोलाजी विभागाध्यक्ष डा. उत्तम कुमार नाथ ने बताया कि रक्त से होने वाले कैंसर का जड़ से खात्मा भारत में भी संभव है। एम्स में कई ऐसे बच्चों की बीमारी का निराकरण किया जा चुका है, जो कि रक्त कैंसर से ग्रसित थे। उन्होंने बताया कि मरीज समय से अस्पताल में समुचित जांच कराएं तो रक्त कैंसर को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है।

इस अवसर पर कैंसर विषय से जुड़े तीमारदारों के सवालों के मेडिकल ओंकोलाजी विभाग की फैकल्टी डा. अमित सहरावत ने जवाब दिए। कैन किड्स संस्था की प्रोजेक्ट मैनेजर प्रीति रस्तोगी ने बताया कि उनकी संस्था कैंसर से ग्रसित बच्चों के उपचार में दवा व आर्थिक सहायता करती है। इस बाबत कैन किड्स संस्था का एम्स ऋषिकेश से वर्ष 2019 में करार हुआ था। जिसके तहत पिछले दो वर्षों में एम्स में उपचार कराने वाले बच्चों को संस्था की ओर से हरसंभव मदद दी जा रही है। कार्यक्रम में डा. मोहित धींगड़ा, डा. मनीष गुप्ता, डा. दीपक सुंद्रियाल, डा. दीपा, डा. गौरव आदि ने सहयोग प्रदान किया।

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