बाल विधायकों ने ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर दिए सुझाव

उत्तराखंड के बाल विधायकों ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग को बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में हो रही परेशानियों से अवगत कराया। साथ ही निजी स्कूलों में नई शिक्षा नीति का पालन कराने पर चर्चा की गई। बाल विधायकों ने आयोग को ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों पर पड़ रहे मानसिक दुष्प्रभाव को कम करने के संबंध में सुझाव भी दिए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 10:27 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 10:27 PM (IST)
बाल विधायकों ने ऑनलाइन  पढ़ाई को लेकर दिए सुझाव
बाल विधायकों ने ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर दिए सुझाव

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड के बाल विधायकों ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग को बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में हो रही परेशानियों से अवगत कराया। साथ ही निजी स्कूलों में नई शिक्षा नीति का पालन कराने पर चर्चा की गई। बाल विधायकों ने आयोग को ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों पर पड़ रहे मानसिक दुष्प्रभाव को कम करने के संबंध में सुझाव भी दिए।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कोरोनाकाल में बच्चों को पेश आ रही दिक्कतों और उनके समाधान पर उत्तराखंड की बाल विधानसभा के साथ शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंथन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने की। बाल विधानसभा की मुख्यमंत्री सृष्टि ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा थोड़े समय तक तो ठीक है, लेकिन लंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप पर पढ़ाई करने व नेटवर्क की परेशानी से बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है।

वहीं, गृहमंत्री बाल विधायक कुमकुम पंत ने कहा कि कई अभिभावक ऐसे भी हैं, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं हैं। इससे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलना सही नहीं है, लेकिन 10वीं और उससे ऊपर की कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्कूल खोलना उचित रहेगा। बाल विधानसभा अध्यक्ष नमन ने कहा कि अभिभावक घर में बच्चों को समय नहीं देते, जिससे वह पढ़ने के बजाय अन्य गतिविधियों में लगे रहते हैं। बाल स्वास्थ्य मंत्री नितिन मेहता ने कोरोना के अलावा टायफाइड, मलेरिया व अन्य बीमारियों पर भी ध्यान देने का सुझाव दिया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए महिला भुवनेश्वर आश्रम गैरसैंण के समन्वयक गिरीश डिमरी ने कहा कि कोविड-19 के दौरान क्वारंटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किए गए कई विद्यालयों को सैनिटाइज नहीं किया गया है।

आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने कहा कि जल्द ही अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों के लिए वेबिनार का आयोजन होगा। इसमें उनकी समस्या सुनने के साथ काउंसिलिंग कराई जाएगी। उन्होंने बाल विधायकों से जंक फूड से दूर रहने की अपील की।

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