बाल आयोग ने जिला बाल कल्याण समिति बरेली से मांगी रिपोर्ट, जानिए पूरा मामला

कोरोनाकाल में अनाथ होने के बाद बागेश्वर की बालिका को उसके मामा के बगैर सूचना दिए बरेली ले जाने पर बाल आयोग ने नाराजगी जताई है। आयोग ने जिला बाल कल्याण समिति बरेली को ये निर्देश दिए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:01 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:01 PM (IST)
बाल आयोग ने जिला बाल कल्याण समिति बरेली से मांगी रिपोर्ट, जानिए पूरा मामला
बाल आयोग ने जिला बाल कल्याण समिति बरेली से मांगी रिपोर्ट।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोनाकाल में अनाथ होने के बाद बागेश्वर की बालिका को उसके मामा के बगैर सूचना दिए बरेली ले जाने पर बाल आयोग ने नाराजगी जताई है। आयोग ने जिला बाल कल्याण समिति बरेली को निर्देशित किया है कि बालिका संबंधित परिवार से बालिका की परवरिश करने अन्यथा बाल कल्याण समिति की सुपुर्दगी की रिपोर्ट आयोग को दो सप्ताह के भीतर भेजें। 

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि आयोग ने बीते सात मई को इंटरनेट मीडिया पर जारी घटना का संज्ञान लिया गया है, जिसमें यह पाया गया कि बागेश्वर में रेडीमेड की दुकान चलाने वाले व्यापारी की कोविड अस्पताल के आइसीयू में मौत हो गई। यह खबर सुनकर स्वजन अस्पताल पहुंचे और चार घंटे बाद उनकी पत्नी की भी मौत हो गई। मृतक दंपती ने 13 वर्ष पहले एक बालिका को गोद लिया था, लेकिन उनकी मौत के बाद बालिका बेसहारा हो गई है। आयोग ने इस मामले में घटना, बालिका के संबंधियों की जानकारी और बालिका को संरक्षण के लिए बाल संरक्षण गृह में भेजने के संबंध में बीते सप्ताह बागेश्वर जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी। 

मंगलवार को जिलाधिकारी ने रिपोर्ट में बताया कि जिला प्रबोशन अधिकारी की जांच में पाया गया कि व्यापारी बीते 18 वर्षों से यहां किराए पर रहते थे। कोई संतान न होने के कारण उन्होंने विधिक प्रक्रिया  बगैर एक बच्ची गोद ली थी, वर्तमान में वह नौवीं कक्षा में अध्ययरनरत है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि बालिका के माता-पिता की परवरिश अच्छी तरह करते थे। लेकिन अब दोनों की मौत के बाद मृतक दंपती के भाई बरेली अपने साथ ले गए। इसके अलावा बालिका के जैविक पिता के बारे में भी कोई जानकारी प्राप्त नही हो पाई, जिसके बाद समिति और आयोग ने बाल कल्याण समिति बरेली से जांच रिपोर्ट की मांग की है। 

समितियों ने बाल आयोग को भेजी रिपोर्ट 

जिलों में कोरोना संक्रमित बच्चों की स्थिति और होम आइसोलेशन में व्यवस्था को लेकर निर्देश के तहत जिलों ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग को रिपोर्ट भेजना शुरु कर दिया है। आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि मंगलवार को चमोली और हरिद्वार जिला बाल कल्याण समिति ने आयोग को रिपोर्ट भेजी है, जिसमें समितियों ने निरीक्षण में पाया कि व्यवस्था के तहत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कॉरपोरेट घराने और संस्था, आश्रमों से भी कुछ बच्चों की जिम्मेदारी के लिए कहा गया है। हरिद्वार के भूपतवाला में शंकराचाय्र परिषद ने अनाथ बच्चों को गोद लेने की बात कही है और विभाग में अपना पंजीकरण करवाने के लिए आगे आई है।

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