उत्तराखंड के मुख्य सचिव संधू बोले, धान खरीद में किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं

2021-22 के खरीफ सीजन में धान की खरीद के संबंध में मुख्य सचिव ने अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार के जिलाधिकारियों को धान की व्यवस्थित पारदर्शी और शीघ्रता से खरीद को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 04:32 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:42 PM (IST)
उत्तराखंड के मुख्य सचिव संधू बोले, धान खरीद में किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं
जिन किसानों से होती है खरीददारी, उनका एक ही बार में खुलवाएं जीरो बैलेंस खाता।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में धान खरीद के दौरान किसानों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। सरकार इसके लिए कमर कस चुकी है। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने कहा कि धान खरीद में किसानों के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी और शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खरीद केंद्रों पर जब तक धान आ रहा है, खरीद जारी रहनी चाहिए।

मुख्य सचिव ने बुधवार को सचिवालय सभागार में 2021-22 के खरीफ सत्र में धान की खरीद के संबंध में समीक्षा बैठक की। खरीद में पेश आने वाली समस्याओं, बाधाओं और व्यवहारिक कठिनाइयों के बारे में उन्होंने संबंधित पक्षों को सुना। इसके बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों और ऊधमसिंहनगर व हरिद्वार के जिलाधिकारियोंको धान की व्यवस्थित व पारदर्शी तरीके से खरीद कराने के निर्देश दिए। उन्होंने खरीद केंद्रों का संचालन करने वाले प्रबंधकों को किसानों को परेशानी नहीं होने देने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि धान की खरीदारी में प्रशासनिक व तकनीकी स्तर की कठिनाइयां तत्काल दूर की जाएं। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जहां मांग, वहां खोलें खरीद केंद्र

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन स्थानों पर खरीद केंद्र खोलने की मांग है, वहां शीघ्रता से यह कार्य किया जाए। बोरे व खरीद से संबंधित सामग्री की जरूरत तत्काल पूरी की जानी चाहिए। किसानों के प्रत्येक वर्ष धान खरीद के लिए खाते खोलने और खरीद प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें बंद करने के बारे में उन्होंने जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसानों के खाते बार-बार बंद न कराए जाएं। खरीद केंद्रों पर 50 से 100 माइस्चर मीटर रखने के निर्देश भी उन्होंने दिए।

शिकायतों का करें तुरंत निराकरण

उन्होंने कहा कि धान खरीद की प्रक्रिया समय से पूरी करने के लिए वार्षिक कैलेंडर बनाकर इसका अनुपालन किया जाए। प्रत्येक खरीद केंद्र और मंडी के मुख्य द्वार पर अनिवार्य रूप से शिकायत निवारण दूरभाष नंबर अंकित किए जाएंगे। इसके लिए आकर्षक साइन बोर्ड बनाने के निर्देश दिए गए। शिकायतकर्ता की समस्या का निराकरण जिलाधिकारी खुद करेंगे। इसके लिए जिलाधिकारी को भी दूरभाष नंबर पर संपर्क करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी या उपजिलाधिकारी से किसान धान खरीद के संबंध में शिकायत करता है तो उस पर अनिवार्य रूप से उचित कार्यवाही की जाए। जहां तक संभव हो मंडी या खरीद केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और उसकी नियमित मानीटरिंग करने को कहा गया है।

ऊधमसिंहनगर में पहले राज्य के किसानों से होगी खरीद

मुख्य सचिव ने कहा कि ऊधमसिंहनगर जिले में एक अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक केवल उत्तराखंड के ही किसानों के धान की खरीद की जाएगी। उसके बाद संबंधित जिलाधिकारी अपने स्तर से इस तिथि को आगे बढ़ा सकेंगे। अन्य जिलों के जिलाधिकारी राज्य के किसानों से कब तक धान की खरीद करनी है, इस बारे में निर्णय करने को स्वतंत्र होंगे। अन्य राज्यों के किसानों से खरीद के बारे में भी वह फैसला कर सकेंगे। उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि राज्य के किसान को खरीद में वरीयता दी जाए।

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डीएम कर सकेंगे प्रवर्तन की कार्यवाही

जिला प्रशासन को किसानों की उपज को खराब बताकर, घटतौली या बिचौलियों के माध्यम से धोखाधड़ी की कोशिश पर प्रवर्तन की कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। इसे रोकने के लिए जिलाधिकारी के स्तर से खरीद के लिए टोकन या पर्ची सिस्टम की व्यवस्था करने को कहा गया है। बैठक में सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, आर मीनाक्षी सुंदरम, एचएस बोनाल, अपर सचिव प्रताप शाह समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

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