उत्तराखंड में जल्‍द लांच की जाएगी मुख्यमंत्री नारी सशक्तीकरण योजना

भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में जल्द ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तीकरण योजना लांच की जाएगी। इसके तहत स्वरोजगार से संबंधित प्रोजेक्ट के लिए महिलाओं को सब्सिडी दी जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 11:35 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 11:35 AM (IST)
उत्तराखंड में जल्‍द लांच की जाएगी मुख्यमंत्री नारी सशक्तीकरण योजना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में जल्द ही 'मुख्यमंत्री नारी सशक्तीकरण योजना' लांच की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से राज्य में जल्द ही 'मुख्यमंत्री नारी सशक्तीकरण योजना' लांच की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को यहां भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि योजना के तहत स्वरोजगार से संबंधित प्रोजेक्ट के लिए महिलाओं को 30 फीसद अथवा अधिकतम एक लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष में 1500 से ज्यादा महिलाओं को योजना से लाभान्वित किया जाएगा। इसमें अविवाहित, तलाकशुदा, दिव्यांग महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। इस दिशा में अब एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं स्वरोजगार के क्षेत्र में आना चाहती हैं, लेकिन भूमि पर अधिकार न होने समेत अन्य कारणों के चलते उन्हें बैंक से ऋण नहीं मिल पाता। इसे देखते हुए राज्य में मुख्यमंत्री नारी सशक्तीकरण योजना शुरू की जाएगी, जो अनुदान आधारित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के तहत संचालित होने वाली योजना में लाभार्थी चयन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक की अध्यक्षता में मूल्यांकन समिति गठित होगी। समिति से प्रोजेक्ट पास होने पर संबंधित महिला बैंक से ऋण ले सकती हैं अथवा स्वयं की पूंजी से उद्यम शुरू कर सकती है। इसमें उसे एक लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। 

-------------------------- 

असम राइफल्स को दोहरी कमान से मुक्त करने की मांग

असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने असम राइफल्स को दोहरी कमान व्यवस्था से मुक्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि या तो उन्हें रक्षा मंत्रालय के अधीन रखा जाए या गृह मंत्रालय के तहत किया जाए। कारगी चौक स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में पूर्व सैनिकों ने उक्त मांग उठाई। सूबेदार एचआर भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सबसे पहले देश की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके बाद प्रदेश संगठन सचिव सूबेदार अशोक नेगी ने संगठन की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने पूर्व सैनिकों को ईसीएचएच कार्ड बनाने की प्रक्रिया के बारे में भी बताया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमांडेंट आरएस नेगी ने कहा कि सरकार ने असम राइफल्स को दोहरी कमान व्यवस्था में रखा है। ड्यूटी तो जवान आर्मी की तरह चौबीस घंटे करते हैं, लेकिन वेतन, पेंशन आदि सुविधाएं उन्हें गृह मंत्रालय से मिलती है। उन्होंने कहा कि असम राइफल्स को रक्षा मंत्रालय के अधीन करना चाहिए और सुविधाएं भी सेना की तरह ही मिलनी चाहिए। इस दौरान चार पूर्व सैनिकों ने संगठन की सदस्यता भी ग्रहण की। इस दौरान पूर्व कमांडेंट मूर्ति सिंह, करम सिंह चौधरी, सुभाष, आरपी आर्य, कांता सिंह, विक्रम सिंह आदि मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें:- जनता की सुविधा के लिए सरकार जिम्मेदारी से कर रही काम: मुन्ना

chat bot
आपका साथी