अब मोबाइल एप से होगा चस्पा चालान का भुगतान, ये हैं फायदे

नो पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों के चस्पा चालान का भुगतान एप के माध्यम से किया जाएगा। इससे लोगों को ट्रैफिक निदेशालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

By Edited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 03:00 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 08:54 AM (IST)
अब मोबाइल एप से होगा चस्पा चालान का भुगतान, ये हैं फायदे
अब मोबाइल एप से होगा चस्पा चालान का भुगतान, ये हैं फायदे

देहरादून, जेएनएन। ट्रैफिक निदेशालय ने नो-पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों के लिए चस्पा चालान एप तैयार कर लिया है। इस एप पर क्यूआर कोड स्कैन होते ही ऑनलाइन चालान किया जा सकेगा। इससे चालकों को चस्पा चालान भुगतान को ट्रैफिक दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। फरवरी से इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा। 

प्रदेश के 13 जिलों में नो-पार्किंग और प्रतिबंधित क्षेत्रों में खड़े होने वाले वाहनों के हर साल सवा लाख से ज्यादा के चस्पा चालान होते हैं। 100 रुपये के इस चालान के भुगतान के लिए लोगों को कई बार हजारों रुपये खर्च और समय बर्बाद कर संबंधित जिले के ट्रैफिक दफ्तर पहुंचना पड़ता है। जबकि कई बार कोर्ट के चक्कर भी काटने पड़ते हैं। इन अव्यवहारिकता को देखते हुए ट्रैफिक निदेशालय ने चस्पा चालान एप तैयार कर लिया है। इस एप में चालान का क्यूआर कोड स्कैन किया जाएगा। 

इसके बाद चालान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। महज एक मिनट में एप खोलने से लेकर चालान का भुगतान हो सकेगा। इससे लोगों को कहीं भी और कभी भी चालान का भुगतान करने की सहूलियत मिलेगी। दून के साथ ही हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल समेत सभी 13 जिलों में इसकी शुरुआत की जाएगी। इसके लिए चालान बुक पर क्यूआर कोड और वेबसाइट दर्ज करने की प्रक्रिया ट्रैफिक पुलिस ने शुरू कर दी है। 

फरवरी माह से दून में इसकी विधिवत शुरुआत की जाएगी। अभी तक ये थी प्रक्रिया नो-पार्किंग में चस्पा चालान होने के बाद सात दिन से लेकर एक माह तक भुगतान करना होता है। इसके लिए पहले ट्रैफिक दफ्तर और यहां से यदि चालान कोर्ट भेजा गया तो फिर कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं। 

कोर्ट में वकीलों की फीस से यह चालान खासा महंगा साबित होता है। यही कारण है कि 100 रुपये के चक्कर में आर्थिक नुकसान और समय की बर्बादी उठानी पड़ती थी। लेकिन अब एप तैयार होने से पब्लिक और पुलिस दोनों को सुविधा मिलेगी। ई-चालान पर शासन की अनुमति प्रदेश में ई-चालान और भुगतान पर शासन की अनुमति का पेच फंसा हुआ है। इसके लिए ट्रैफिक निदेशालय ने 200 ई-चालान मशीनें खरीद ली हैं। 

लेकिन, योजना को शुरू कराने में बैंक के साथ अनुबंध में देरी हो रही है। योजना को जल्द शुरू कराने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। शासन की अनुमति मिलते ही ई-चालान की योजना शुरू होगी। 

ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने बताया कि यह योजना भी प्रदेश में ट्रैफिक सुधार में महत्वपूर्ण साबित होगी। चस्पा चालान एप तैयार हो गया है। मोबाइल पर एप खुलते ही चालान का क्यूआर कोर्ड स्कैन करना होगा। इसके बाद डिटेल भरकर ऑनलाइन पेमेंट के किसी भी मोड़ में भुगतान किया जा सकेगा।

यह भी पढ़ें: अब रॉन्ग साइड चलना पड़ेगा भारी, सड़क फाड़ देगी आपका टायर; जानिए कैसे

यह भी पढ़ें: ऑल वेदर रोड: सड़कों का 25 फीसद काम हुआ पूरा

यह भी पढेंं: वैली ब्रिज को नहीं पड़ेगी अतिरिक्त बजट की जरूरत!

chat bot
आपका साथी