Chardham Yatra 2021: चारधाम यात्रा के लिए RTPCR समेत ये तीन टेस्ट अनिवार्य, जानिए
Chardham Yatra 2021 उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार बेहद सतर्क हो गई है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार चारधाम यात्रा के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Chardham Yatra 2021 उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चारधाम यात्रा को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार चारधाम यात्रा के लिए सरकार तैयार है। अलबत्ता, इसके लिए कोविड के नियमों के अनुपालन के साथ ही तीन टेस्ट सीबीएनएएटी, टीआरयूईएनएटी और आरटीपीसीआर अनिवार्य किए गए हैं। दूसरे प्रांतों से उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को यह टेस्ट करवाने आवश्यक होंगे। चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों का आनलाइन पंजीकरण होगा और सभी प्रकार की जांच के बाद यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के रावलों से बातचीत के बाद चारधाम यात्रा की समीक्षा कर ली गई है। आगे की परिस्थितियों की समीक्षा की जाएगी, ताकि विधिवत रूप से तय समय पर चारधाम के कपाट खोले जा सकें और उसी के अनुरूप श्रद्धालु दर्शनों का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत निर्धारित क्षमता के अनुरूप ही यात्रियों को उत्तराखंड आने की इजाजत दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ और अगले माह से होने वाली चारधाम यात्रा में आने वाले पर्यटकों, श्रद्धालुओं और साधु-संतों से अनुरोध किया गया है कि वे धार्मिक परंपराओं और मर्यादाओं का निर्वहन करने के लिए शारीरिक दूरी, मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग करते हुए कोविड नियमों का पालन अवश्य करें। इसके साथ ही कार्ट्रिज आधारित न्यूक्लिक एसिड एंप्लीफिकेशन टेस्ट (सीबीएनएएटी), रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पालीमर्स चेन रिएक्शन टेस्ट (आरटीपीसीआर) और टीबी डायग्नोसिस टेस्ट (टीआरयूईएनएटी) को अनिवार्य किया गया है। साथ ही सभी से आग्रह किया गया है कि वे बारी आने पर वैक्सीन अवश्य लगवाएं।
कैबिनेट मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि हरिद्वार में देव डोलियों का कुंभ स्नान तय समय पर कोविड के नियमों का अनुपालन करते हुए होगा। इस बारे में मुख्यमंत्री से वार्ता हो चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संकट के मद्देनजर कुंभ को प्रतीकात्मक रखे जाने की अपील का स्वागत किया। साथ ही कहा कि जो साधु संत कुंभ की परंपरा का निर्वहन करना चाहते हैं, वे कोविड से बचाव के नियमों का पालन अवश्य करें।
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