जौनसार-शिलगांव में बूढ़ी दिवाली पर निकली होलियात

चकराता/त्यूणी शनिवार शाम को जौनसार-शिलगांव में पहाड़ी बूढ़ी दिवाली का जश्न परंपरागत तरीके से मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 10:21 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 10:21 PM (IST)
जौनसार-शिलगांव में बूढ़ी दिवाली पर निकली होलियात
जौनसार-शिलगांव में बूढ़ी दिवाली पर निकली होलियात

संवाद सूत्र, चकराता/त्यूणी: शनिवार शाम को जौनसार-शिलगांव में पहाड़ी बूढ़ी दिवाली का जश्न परंपरागत अंदाज में मनाया गया। क्षेत्र में कई जगह स्थानीय ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ होलियात निकाल कर देवता की स्तुति की। सीमांत शिलगांव खत से जुड़े करीब एक दर्जन गांवों के सैकड़ों लोग औंसा रात को बड़ी दिवाली मनाने होलियात लेकर शिलगुर महाराज मंदिर छजाड़ में एकत्र हुए। इसके अलावा जौनसार की अन्य खतों में पंचायती आंगन लोक नृत्य से गुलजार रहे।

पहाड़ की परंपरागत व्यवस्था के चलते जौनसार-शिलगांव की 20 खतों से जुड़े दो सौ से अधिक गांवों में बूढ़ी दिवाली का जश्न जोर-शोर से चल रहा है। शनिवार औंसा रात को क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली के मौके पर स्थानीय ग्रामीणों ने होलियात निकाली। ग्रामीणों ने हाथों में लकड़ी की मशालें जलाकर मंदिर परिसर और पंचायती आंगन में नाच गाना किया। महिलाओं और ग्रामीणों ने अलग-अलग टोली में ढोल-दमोऊ की थाप पर हारुल के साथ सामूहिक तांदी नृत्य की प्रस्तुति से समाज की युवा पीढ़ी को जनजाति क्षेत्र की विरासतन संस्कृति से अवगत कराया। संस्कृति के जानकारों ने कहा कि, लोक संस्कृति को बचाने का दायित्व समाज की युवा पीढ़ी के कंधों पर है। बूढ़ी दिवाली का परंपरागत जश्न मनाने को मंदिर में होलियात लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने देवता के दरबार में मत्था टेका और मनौती मांगी। जौनसार के ठाणा-टुंगरा में बूढृी दिवाली का शानदार नजारा देखने बाहर से कई पर्यटक पहुंचे। घर आए नौकरी पेशा परिवारों के साथ जौनसारी बूढ़ी दिवाली का जश्न मनाया। स्थानीय महिलाओं ने घर आए मेहमानों के लिए कई तरह के लजीज पकवान परोसे। इस मौके पर संतराम चौहान, जयंद्र सिंह चौहान, विरेंद्र शर्मा, आंनद सिंह, रमेश चौहान, रणवीर सिंह, बाबूराम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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