देवदार के 36 नगों से भरा पिकअप पकड़ा
संवाद सूत्र त्यूणी चकराता वन प्रभाग के देवघार रेंज त्यूणी में वन विभाग टीम ने गुरुवार रात्रि को गश्त के दौरान देवदार के 36 नगों से भ्भरा पिकअप वाहन पकड़ा। टीम ने वाहन स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
संवाद सूत्र, त्यूणी: चकराता वन प्रभाग के देवघार रेंज त्यूणी में वन विभाग टीम ने गुरुवार रात्रि गश्त के दौरान जेपीआरआर हाईवे पर अटाल के पास देवदार के अवैध 36 नगों से भरा पिकअप वाहन पकड़ा। वहीं वाहन को छोड़कर आरोपित चालक अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। वन विभाग की टीम ने वाहन स्वामी के खिलाफ फॉरेस्ट एक्ट में केस दर्ज किया है।
सीमांत तहसील अंतर्गत देवघार रेंज त्यूणी के वन क्षेत्र अधिकारी यशपाल सिंह राठौर को गुरुवार रात में अटाल बैरियर से देवदार लकड़ी की तस्करी कर शहर में सप्लाई होने की सूचना मिली। जिसके बाद रात्रि गश्त पर निकली टीम ने जेपीआरआर हाइवे पर अटाल के पास वाहनों की चेकिग शुरू कर दी। इस दौरान रात करीब तीन बजे टीम ने अटाल के पास अवैध रूप से ले जा रहे देवदार लकड़ी से भरा पिकअप वाहन पकड़ा। जंगल से तस्करी कर शहर ले जा रही अवैध देवदार लकड़ी से भरा वाहन सड़क पर छोड़कर चालक मौके से फरार हो गया। चेकिग के दौरान वाहन से देवदार के अवैध 36 नग बरामद किए गए। तलाशी में वाहन से गाड़ी के कागजात मिले, जिसके आधार पर टीम ने आरोपित वाहन स्वामी सरदार सिंह पुत्र प्रेम सिंह निवासी मशक-चकराता के खिलाफ फॉरेस्ट एक्ट में केस दर्ज किया है। साथ ही लोडर वाहन को सीज कर बरामद देवदार लकड़ी को रेंज क्वार्टर त्यूणी में रखा है। वन क्षेत्र अधिकारी यशपाल सिंह राठौर ने बताया कि पकड़ी गई अवैध देवदार लकड़ी कहां और किस जंगल से आई, इसका पता लगाया जा रहा है। वन विभाग टीम लकड़ी तस्करों की सुरागकशी में जुटी है। टीम में वन दरोगा चतर सिंह चौहान, वनकर्मी गबर सिंह रावत, भगत सिंह राणा, प्रीतम चौहान आदि मौजूद रहे। पहले से संदिग्ध रही अटाल में चेक पोस्ट
त्यूणी: चकराता वन प्रभाग के सीमांत देवघार रेंज त्यूणी के आरक्षित जंगल की सीमा पड़ोसी राज्य हिमाचल से सटी है। बॉर्डर क्षेत्र में जंगल से लकड़ी तस्करी व अवैध खनन रोकने को वन विभाग ने कुछ वर्षों पहले जेपीआरआर हाइवे पर अटाल बाजार के पास वन विभाग की चेक पोस्ट खोली गई, लेकिन अटाल में खोली गई चेक पोस्ट में तैनात कर्मियों की भूमिका पहले से संदिग्ध मानी जाती रही है। कुछ समय पहले तत्कालीन डीएफओ एलएस रावत ने अटाल चेक पोस्ट से अवैध तस्करी की शिकायत के चलते यहां तैनात वन कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई जाने पर उन्हें उस वक्त निलंबित कर दिया था। इसके कुछ समय तक अटाल चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया। लेकिन बाद में वन विभाग अधिकारियों ने बॉर्डर क्षेत्र की निगरानी व चौकसी बढ़ाने को दोबारा चेक पोस्ट बैरियर को संचालित कर दिया।