युवाओं से सीडीएस जनरल बिपिन रावत को गहरा लगाव, बेहद गर्मजोशी से मिलते थे युवाओं से

सीडीएस जनरल बिपिन रावत को युवाओं से गहरा लगाव था। वह युवाओं से गर्मजोशी से मिलते थे। सेना भर्ती में हिमालयी राज्यों के युवाओं को लंबाई में तीन सेमी की छूट देने का निर्णय भी उनके सेनाध्यक्ष रहते ही लिया गया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 11:37 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 11:37 AM (IST)
युवाओं से सीडीएस जनरल बिपिन रावत को गहरा लगाव, बेहद गर्मजोशी से मिलते थे युवाओं से
सीडीएस जनरल बिपिन रावत को युवाओं से गहरा लगाव था।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सीडीएस जनरल बिपिन रावत को युवाओं से गहरा लगाव था। वह युवाओं से न केवल बेहद गर्मजोशी से मिलते थे, बल्कि उन्हें सेना के साथ ही अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी भी देते थे। सेना भर्ती में हिमालयी राज्यों के युवाओं को लंबाई में तीन सेमी की छूट देने का निर्णय भी उनके सेनाध्यक्ष रहते ही लिया गया।

सीडीएस जनरल रावत के व्यवहार में हमेशा ही युवाओं को लेकर चिंता झलकती थी। जब भी उन्हें मौका मिलता था, वह युवाओं को प्रेरित करने का काम करते थे। जून 2017 में जब वह आइएमए की पासिंग आउट परेड में पहुंचे थे, तब उन्होंने कहा था कि हिमालयी राज्यों के युवाओं को सेना भर्ती में छूट देने के लिए जल्द कदम उठाए जाएंगे। इसके तकरीबन तीन माह बाद अगस्त 2017 में हिमालयी राज्यों को युवाओं को भर्ती में तीन सेमी की छूट देने का निर्णय लिया गया। पहले भर्ती के लिए उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी राज्यों के युवाओं की लंबाई 166 सेमी रखी गई थी। अब इसे 163 सेमी किया गया है।

सीडीएस जनरल रावत केवल सेना को ही रोजगार का एकमात्र जरिया नहीं मानते थे। इसी माह उत्तराखंड के श्रीनगर में गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में पहुंचे थे। यहां उन्होंने युवाओं को स्थानीय गढ़वाली बोली में ही संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवा रोजगार की तलाश में न भटकें, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। इसके लिए स्टार्ट अप के माध्यम से इंटरप्रिन्योरशिप को विकसित करें। उन्होंने साहसिक पर्यटन, जैविक खेती, जड़ी-बूटी क्षेत्र में अपार संभावनाएं जताते हुए युवाओं को इस क्षेत्र में आगे आने को कहा था। इससे पूर्व वर्ष 2017 में राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित रैबार कार्यक्रम में जनरल बिपिन रावत ने उत्तराखंड में युवाओं के बेहतर भविष्य को यहां शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और पर्यटन व साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में बढ़ाने को सुविधाएं विकसित करने का आह्वान किया था। उन्हें जब भी मौका मिला, वह युवाओं को हमेशा ही प्रेरित करने का काम करते थे।

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