सीबीएसई ने नए स्कूलों को 10 वीं का परिणाम तैयार करने में दी सहूलियत
कोरोना के कारण कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद हो चुकी हैं। सीबीएसई सीआइसीएसई एवं राज्य बोर्ड छात्र-छात्राओं का परीक्षा फल तैयार करने में जुटे हैं। सीबीएसई ने नए स्कूल जिनका दसवीं का पहला बैच पास होने जा रहा है उनके लिए अंक वितरण प्रणाली में सहूलियत दी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण के कारण कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद हो चुकी हैं। सीबीएसई, सीआइसीएसई एवं राज्य बोर्ड छात्र-छात्राओं का परीक्षा फल तैयार करने में जुटे हैं। सीबीएसई ने 10वीं का परिणाम बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करने के लिए 30 जून तक का समय दिया है। इस बीच सीबीएसई ने नए स्कूल जिनका दसवीं का पहला बैच पास होने जा रहा है, उनके लिए अंक वितरण प्रणाली में सहूलियत दी है। ऐसे स्कूलों को अपने जिले, राज्य या राष्ट्रीय स्तर के पिछले साल के पासिंग औसत को मानक बनाने की छूट दी गई है।
बता दें कि दसवीं का परीक्षा फल तैयार करने के लिए सीबीएसई ने पिछली तीन कक्षाओं के अंकों को भी आधार बनाने को कहा है। लेकिन, नए स्कूलों के पास पिछले तीन साल के अंकों के रिकार्ड उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में बोर्ड ने इन स्कूलों की सहूलियत के लिए संबंधित स्कूलों के जिले, राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर अंतिम वर्ष के परिणाम को मानक बनाकर लिंक करने का विकल्प दिया है।
सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष दून रीजन का परिणाम 90.26 रहा था। अब नए स्कूल इसे मानक मानकर छात्रों को अंक दे सकेंगे। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि अगर स्कूल का वर्तमान सत्र का परिणाम 60 फीसद ही आ रहा है, तो स्कूल अंकों में अधिकतम दो फीसद ही बढ़ोतरी कर सकेगा। इसकी सत्यता देखने के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर अंक अपलोड होने के बाद हर छात्र का परिणाम देखा जाएगा। गलत अंक या मानकों के विपरीत अंक भरे तो स्कूल पर कार्रवाई की जाएगी।
अंक प्रणाली के लिए शिक्षकों से लिए जा रहे सुझाव
राज्य शिक्षा बोर्ड 10वीं एवं 12वीं के छात्रों का परिणाम तैयार करने के लिए शिक्षा विभाग एवं शिक्षकों से सुझाव ले रहा है। गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने सोमवार को आनलाइन बैठक कर गढ़वाल मंडल के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों से सुझाव सुने। उन्होंने बताया कि शिक्षकों के सुझावों का प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को भेजा जाएगा।
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