सीएयू ने जारी की एसओपी, अक्टूबर में शुरू हो सकता है क्रिकेट

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) ने प्रदेश में क्रिकेट गतिविधियों को दोबारा शुरू करने का खाका तैयार कर लिया है। इसके लिए सीएयू ने सभी जिला संघों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भेज दी है। एसओपी में खिलाड़ियों व अन्य स्टाफ को कोविड-19 से बचाने के लिए कई कड़े प्रावधान किए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 02:59 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:14 AM (IST)
सीएयू ने जारी की एसओपी, अक्टूबर में शुरू हो सकता है क्रिकेट
सीएयू ने जारी की एसओपी, अक्टूबर में शुरू हो सकता है क्रिकेट

जागरण संवाददाता, देहरादून: क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) ने प्रदेश में क्रिकेट गतिविधियों को दोबारा शुरू करने का खाका तैयार कर लिया है। इसके लिए सीएयू ने सभी जिला संघों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भेज दी है। एसओपी में खिलाड़ियों व अन्य स्टाफ को कोविड-19 से बचाने के लिए कई कड़े प्रावधान किए गए हैं।

सीएयू के सचिव महिम वर्मा ने बताया कि प्रदेश में क्रिकेट दोबारा शुरू करने की कोशिश की जा रही है। कोरोना संक्रमण की चुनौती को देखते हुए शुरुआत सामान्य शिविर से की जाएगी। इसके बाद परिस्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। क्रिकेट शिविर अक्टूबर के पहले हफ्ते से शुरू होने की उम्मीद है। सभी जिलों में एसओपी का पालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित एसोसिएशन की होगी। एसओपी के मुख्य बिदु

-जिला संघों को क्रिकेट संबंधी किसी भी आयोजन के लिए जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी से अनिवार्य रूप से अनुमति लेनी होगी।

-सभी जिला संघ चीफ मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति करें, जो कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक प्रोटोकॉल और सुरक्षा उपायों का पालन कराएंगे।

-नेट प्रैक्टिस के दौरान एक सेशन में दो बल्लेबाज और चार गेंदबाज ही हिस्सा लेंगे। रोजाना अधिकतम 70 खिलाड़ी ही अभ्यास कर सकेंगे।

-जिला संघों को सुरक्षा उपकरण आदि की व्यवस्था करने के लिए 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।

-60 साल से ज्यादा उम्र के स्टाफ को शिविर समेत किसी भी आयोजन में शामिल नहीं किया जाएगा।

-खिलाड़ियों को शपथ पत्र देना होगा कि वह एसओपी के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।

-शुरुआती चरण में छोटे ग्रुप में गतिविधियां होंगी। धीरे-धीरे ग्रुप का आकार बढ़ाया जाएगा।

-सुरक्षित शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन करना होगा।

-खिलाड़ी शिविर या मैदान तक आने के लिए निजी वाहनों का इस्तेमाल करेंगे।

-शिविर में हिस्सा लेने से पहले खिलाड़ियों को आखिरी दो सप्ताह की ट्रेवल हिस्ट्री बतानी होगी।

chat bot
आपका साथी